हेराल्ड हाउस अभी खाली नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, केंद्र को नोटिस

Live Law Hindi

6 April 2019 10:40 PM IST

  • हेराल्ड हाउस अभी खाली नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, केंद्र को नोटिस

    सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश में दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।

    शुक्रवार को एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि हेराल्ड हाउस को खाली करने की प्रक्रिया पर भी फिलहाल रोक रहेगी।

    SG ने किया आदेश का विरोध

    हालांकि इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया और कहा कि हाईकोर्ट की 2 पीठ एक राय से इस नतीजे पर पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि गुपचुप तरीके से AJL के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिए गए।

    इस पर CJI ने कहा कि पीठ के सामने सिर्फ एक सवाल है कि क्या शेयर ट्रांसफर लीज ट्रांसफर के समान है?

    दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को AJL ने दी है चुनौती

    दरअसल दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

    अपनी याचिका में AJL ने सुप्रीम कोर्ट से 28 फरवरी के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाई है, जिसमें हेराल्ड हाउस को खाली करने को कहा गया है।

    याचिका में ये भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को यह निर्देश जारी करे कि वो हेराल्ड हाउस खाली करने को लेकर कोई कार्रवाई ना करे और कोई कठोर कदम ना उठाए। याचिका में शहरी विकास मंत्रालय के 30 अक्तूबर 2018 के नोटिस पर भी रोक लगाने की मांग की है।

    दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ से AJL को मिला था झटका

    इससे पहले 28 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (AJ ) की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें एकल पीठ के दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।

    चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी. कामेश्वर राव की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि AJL इमारत खाली करे।

    दरअसल एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) ने दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ में याचिका दाखिल कर एकल पीठ के 21 दिसंबर 2018 के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उनसे 2 हफ्ते के भीतर हेराल्ड हाउस को खाली करने को कहा गया था।

    एकल पीठ ने भी दिया था AJL के खिलाफ निर्णय

    21 दिसंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को 2 हफ्तों के भीतर हेराल्ड हाउस को खाली करने के आदेश दिए थे। जस्टिस सुनील गौड़ की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि अगर 2 हफ्ते में AJL ने इमारत खाली नहीं की तो कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी।

    इस दौरान हाईकोर्ट ने AJL के 99 फीसदी शेयर यंग इंडियन कंपनी को ट्रांसफर पर भी बडे सवाल उठाते हुए कहा था कि AJL को यंग इंडियन कंपनी द्वारा हाईजैक कर लिया गया है।

    AJL ने जिस उद्देश्य से जमीन ली, वो अब खत्म है
    हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिस मक़सद के लिए ये जगह AJL दी गई वो अब नहीं रही। बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर अखबार का दफ्तर होना चाहिए था, उसे टॉप फ्लोर पर शिफ्ट कर दिया और वहां बामुश्किल कोई प्रेस एक्टिविटी होती है। अपने इस फैसले में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के हेराल्ड हाउस को लीज का उल्लंघन करने के कारण इमारत खाली करने के नोटिस को सही ठहराया।

    फैसले में कहा गया कि हेराल्ड हाउस को लीज पर देने का मुख्य उद्देश्य अब खत्म हो गया है। याचिकाकर्ता ने इसका कोई उदाहरण नहीं दिया कि उनके खिलाफ कार्रवाई गंभीर दुर्भावनापूर्ण है और सत्ता में बैठी सरकार के इस नोटिस से पंडित नेहरू की किस तरह से मानहानि हुई या उन्हें प्रभावित किया गया है। AJL इस पर भी चुप है कि उसके प्रिंट और ऑनलाइन एडिशन का भारत भर में प्रसार कितना है।

    जस्टिस गौड़ ने अपने फैसले में कहा कि यंग इंडियन कंपनी के स्टेक होल्डर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोती वाल वोहरा और ऑस्कर फर्नांडिस हैं। AJL की 413.40 करोड की संपत्ति के 99 फीसदी शेयर गुपचुप तरीके से यंग इंडियन कंपनी को फायदे के लिए ट्रांसफर किए गए।

    AJL का यंग इंडियन कंपनी में शेयर ट्रांसफर है संदिग्ध
    यंग इंडियन कंपनी एक चेरिटेबल कंपनी है लेकिन ये AJL के 99 फीसदी शेयर ट्रांसफर करने का एक तरीका था। AJL का यंग इंडियन कंपनी में शेयर ट्रांसफर का तरीका सवालों के घेरे में है। इस केस में तकनीकी तौर पर बिक्री, गिरवी रखकर या उपहार के तौर पर AJL के फायदे यंग इंडियन में ट्रांसफर नहीं किए गए।

    नेशनल हेराल्ड ने शहरी विकास मंत्रालय के 30 अक्टूबर के नोटिस को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस नोटिस में उसके 56 वर्ष पुराने लीज़ को खत्म करते हुए आईटीओ के प्रेस एनक्लेव स्थित हेराल्ड बिल्डिंग को खाली करने को कहा गया था।

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