मनी लॉन्ड्रिंग केस : पटियाला हाउस कोर्ट ने रॉबर्ट वॉड्रा को अग्रिम जमानत दी, बिना अनुमति देश छोड़कर नहीं जाएंगे
Live Law Hindi
2 April 2019 1:27 PM IST
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे रॉबर्ट वॉड्रा को गिरफ्तारी से राहत देते हुए कुछ शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दे दी है। वाड्रा के साथ ही मामले में एक अन्य आरोपी मनोज अरोड़ा को भी ये राहत दी गई है। गौरतलब है कि वाड्रा कांग्रेस की जनरल सेकेट्री प्रियंका गांधी के पति और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा हैं।
स्पेशल जज अरविंद कुमार ने सोमवार को मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि वाड्रा को 5 लाख के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत दी जाती है। हालांकि वो कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाएंगे और प्रवर्तन निदेशालय ( ED) की जांच में सहयोग करेंगे। जांच एजेंसी के बुलाने पर वो पूछताछ में शामिल होंगे। साथ ही वाड्रा गवाहों व सबूतों को प्रभावित करने की कोई भी कोशिश नहीं करेंगे।
कोर्ट के फैसले में गौर करते हुए कहा गया कि वाड्रा पर ऐसा कोई आरोप नहीं है कि उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ की है। साथ ही उनका परिवार और संपत्ति भी भारत में है और उनकी समाज में गहरी जड़े हैं।
जांच एजेंसी चाहती थी वाड्रा की हिरासत
इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई के दौरान ED ने रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया था और कहा था कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है। एजेंसी के वकील डी. पी. सिंह ने दावा किया था कि एजेंसी के पास वाड्रा के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
वाड्रा के वकील ने की जमानत की वकालत
वहीं वाड्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील के. टी. एस. तुलसी ने एजेंसी के सारे दावों को बेबुनियाद बताया था। उनका कहना था कि वाड्रा ने हमेशा जांच में सहयोग किया है और उन्होंने कभी भी कोर्ट द्वारा दी गई स्वतंत्रता का फायदा नहीं उठाया।
लंदन स्थित एक फ्लैट को एजेंसी मानती है संदिग्ध
गौरतलब है कि वाड्रा के खिलाफ विदेश में संदिग्ध संपत्ति की जांच चल रही है। ED ने लंदन में एक फ्लैट को लेकर वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा के खिलाफ भी केस शुरु किया था।
एजेंसी का आरोप है कि लंदन स्थित फ्लैट मनोज अरोड़ा के बजाय वाड्रा का है और यह फ्लैट हथियार डीलर संजय भंडारी से वर्ष 2010 में 1.9 मिलियन में खरीदा गया था। इस संबंध में वाड्रा 8 बार एजेंसी की पूछताछ में शामिल हो चुके हैं।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में भी ED ने रॉबर्ट वाड्रा को राहत देने का विरोध किया था। एजेंसी ने वाड्रा की याचिका पर आपत्ति दर्ज कराते हुए यह कहा था कि उसके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं और वाड्रा को कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए।
दरअसल वाड्रा ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ( PMLA) के कुछ प्रावधानों को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर ED को नोटिस जारी किया गया था। हालांकि हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।