सुप्रीम कोर्ट ने वकील मैथ्यूज नेदुम्परा को अवमानना का दोषी ठहराया, वरिष्ठ वकील नामित की प्रथा के खिलाफ याचिका भी खारिज

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13 March 2019 8:52 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने वकील  मैथ्यूज नेदुम्परा को अवमानना का दोषी ठहराया, वरिष्ठ वकील नामित की प्रथा के खिलाफ याचिका भी खारिज

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वकील मैथ्यूज नेदुम्परा को वरिष्ठ वकील के तौर पर नामित करने की प्रणाली को खत्म करने के मामले में बहस करते हुए वरिष्ठ वकील फली एस. नरीमन का नाम लेने पर अदालत की अवमानना करने का दोषी ठहराया है। सजा के सवाल पर जवाब देने के लिए उन्हें 2 सप्ताह का समय दिया गया है।

    पीठ ने याचिकाकर्ता संगठन नेशनल कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल ट्रांसपेरंसी एंड रिफॉर्म्स की इस प्रथा को समाप्त करने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया।

    न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले हफ्ते ही नेदुम्परा के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी जिसमें वरिष्ठ वकील फली एस. नरीमन का हवाला देते हुए आरोप लगाया गया था कि सिर्फ जजों के बेटे और बेटियों को ही वरिष्ठ वकील के तौर पर नामित किया गया।

    नेशनल कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल ट्रांसपेरंसी एंड रिफॉर्म्स के अनुसार वरिष्ठ और गैर-वरिष्ठ के रूप में वकीलों का यह वर्गीकरण भेदभावपूर्ण है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि कुलीन वर्ग के वकीलों, सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीशों के परिजनों, भतीजों और जूनियर को वरिष्ठ वकील बनाने के अलावा प्रतिष्ठित वकीलों, मुख्यमंत्री, राज्यपाल के परिचितों और राजनीतिक रूप से जुड़े या बड़े औद्योगिक घरानों के करीब रहने वाले पहली पीढ़ी के वकीलों को ही वरिष्ठ वकील के तौर पर नामित किया जाता है।

    याचिका में यह भी मांग की गई थी कि जब तक उक्त प्रणाली को समाप्त नहीं किया जाता तब तक जो वकील 62 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं या जो 35 वर्ष से प्रैक्टिस कर रहे हैं, उन्हें ही वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया जाना चाहिए। यह ठीक उसी तरह होगा जिस तरह सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के मामले में किया था।

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