भोपाल मुठभेड़ : सुप्रीम कोर्ट ने सिमी के कथित सदस्यों की मौत की जांच की याचिका खारिज की

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5 March 2019 5:23 PM GMT

  • भोपाल मुठभेड़ : सुप्रीम कोर्ट ने सिमी के कथित सदस्यों की मौत की जांच की याचिका खारिज की

    वर्ष 2016 में भोपाल में मुठभेड़ में सिमी के 8 कथित सदस्यों की मौत के मामले में दाखिल याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है।

    चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने मंगलवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उक्त मुठभेड़ की विशेष जांच कराने और जांच की निगरानी की गुहार लगाई गई थी।

    ये याचिका मोहम्मद जलील खिलजी ने दाखिल की थी। याचिका में वर्ष 2017 में मामले की न्यायिक जांच की रिपोर्ट को चुनौती दी गई थी। 17 पेज की इस रिपोर्ट में आयोग ने पुलिस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा था कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41 और 42 के अनुसार पुलिस कार्रवाई पर आपत्ति नहीं की जा सकती। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नित्या रामाकृष्ण ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट में खामियां हैं इसलिए सुप्रीम कोर्ट अपनी निगरानी में मामले की विशेष टीम से जांच कराए।

    गौरतलब है कि भोपाल की जेल से 30-31 अक्टूबर 2016 की रात जेल में गार्ड की हत्या कर फरार हुए 8 विचाराधीन कैदियों को पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक मुठभेड़ में मार गिराया था। यह मुठभेड़ भोपाल से 12 किलोमीटर दूर ईंटखेड़ा गांव में हुई थी।

    कहा गया कि फरार होने से पहले सिमी के इन कथित आतंकियों ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या की। हत्या के लिए कैदियों ने किसी धारदार वस्तु का इस्तेमाल किया और फिर चादर के सहारे जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे।

    इससे पहले भोपाल सेंट्रल जेल से कथित तौर पर फरार 8 कैदियों के मुठभेड़ के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। सरकार ने कहा था कि इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एस. के. पांडे जांच करेंगे। सरकार ने यह भी साफ कर दिया था कि यह जांच केवल कैदियों के जेल से फरार होने तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि जांच का दायरा मुठभेड़ तक रहेगा।

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