सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद दागी उम्मीदवारों को दोबारा आवेदन करने की अनुमति क्यों? कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा सवाल
Amir Ahmad
1 July 2025 1:12 PM IST

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार से यह सवाल किया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से दागी उम्मीदवारों को दोबारा आवेदन करने से रोकने के आदेश दिए हैं, तब भी उन्हें राज्य द्वारा 30 मई 2025 को अधिसूचित नई भर्ती प्रक्रिया के तहत आवेदन करने की अनुमति क्यों दी जा रही है?
जस्टिस सौगात भट्टाचार्य ने कहा,
"सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद दागी उम्मीदवारों को अनुमति क्यों दी जा रही है? आपकी 30 मई की अधिसूचना में दागी उम्मीदवारों को आवेदन करने से रोकने के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है... मैं देख सकता हूं कि अधिसूचना में खामियां हैं, लेकिन चूंकि अनुमति दी गई, कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर रहा... आप बताएं कि सुप्रीम कोर्ट की विशेष टिप्पणियों के मद्देनज़र दागी उम्मीदवारों को भाग लेने की अनुमति क्यों दी जाएगी?"
याचिकाकर्ताओं ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि राज्य की भर्ती अधिसूचना में उन उम्मीदवारों पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नौकरी से बर्खास्त कर दिया था और अब वे वर्तमान प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकते हैं।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि राज्य की अधिसूचना में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया।
कोर्ट ने फिलहाल कोई टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से स्पष्टीकरण मांग सकते हैं।
सुनवाई के दौरान अदालत की ओर से उठाए गए सवालों को देखते हुए राज्य सरकार ने समय की मांग की ताकि वह बाद में स्पष्टीकरण के साथ आ सके।
राज्य के वकील ने कहा,
"कृपया अभी कुछ रिकॉर्ड न करें... हमने जो कुछ भी किया, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन करते हुए किया। इससे आगे कुछ नहीं।"
याचिकाकर्ताओं ने जोड़ा कि राज्य ने मई की अधिसूचना जारी करते समय संभवतः अनजाने में गलती की होगी जिसे सुधारा जा सकता है।
कोर्ट ने कहा,
"यह बात मुझे परेशान कर रही है... सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दागी उम्मीदवारों को अनुमति नहीं दी जाएगी; राज्य की अधिसूचना में यह प्रावधान कहां है?... इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्पष्टीकरण दायर कर सुलझाया जाए?"
इसके बाद मामले की सुनवाई अगली तारीख तक स्थगित कर दी गई।

