सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र की याचिका खारिज होने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश, बंगाल में तुरंत शुरू हो मनरेगा कार्य

Amir Ahmad

8 Nov 2025 1:52 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र की याचिका खारिज होने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश, बंगाल में तुरंत शुरू हो मनरेगा कार्य

    पश्चिम बंगाल के ग्रामीण श्रमिकों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत कार्यों को तत्काल प्रभाव से फिर से शुरू करने का आदेश दिया।

    एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस पार्थ सारथी सेन की खंडपीठ ने यह आदेश पारित करते हुए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को निर्देश दिया कि वे पूर्व के आदेश के अनुरूप 100 दिन के कार्य योजना को तुरंत बहाल करें।

    अदालत ने यह स्पष्ट किया कि मनरेगा जैसी वैधानिक योजना को अनिश्चित काल तक ठप नहीं रखा जा सकता।

    यह आदेश उस समय आया जब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की विशेष अनुमति याचिका (SLP (C) No. 25528/2025) को खारिज कर दिया, जिसमें उसने हाईकोर्ट के पूर्व निर्देश को चुनौती दी थी।

    गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने 18 जून 2025 को अपने आदेश (WPA(P) No. 237/2023) में केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 1 अगस्त, 2025 से पश्चिम बंगाल में मनरेगा कार्यों को पुनः शुरू करे।

    अदालत ने कहा था कि केंद्र और राज्य के बीच विवाद या प्रशासनिक मुद्दों के कारण ग्रामीण मजदूरों को रोजगार से वंचित नहीं किया जा सकता।

    आज के आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया कि मनरेगा के तहत कामों का क्रियान्वयन राज्य भर में तत्काल बहाल किया जाएगा। यह फैसला लाखों ग्रामीण परिवारों को राहत देगा, जो लंबे समय से योजना के ठप होने से प्रभावित थे।

    कलकत्ता हाईकोर्ट का यह निर्देश न केवल ग्रामीण आजीविका की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है बल्कि यह केंद्र और राज्य के बीच सहकारी संघवाद के सिद्धांत को भी पुनः रेखांकित करता है।

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