महिला वकील ने हाईकोर्ट की लिफ्ट में क्लर्क पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया

Amir Ahmad

26 Sept 2024 11:09 AM IST

  • महिला वकील ने हाईकोर्ट की लिफ्ट में क्लर्क पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया

    कलकत्ता हाईकोर्ट की महिला वकील ने सोमवार सुबह कलकत्ता हाईकोर्ट की लिफ्ट में पुरुष क्लर्क पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया।

    रिपोर्ट के अनुसार वकील ने कहा कि आरोपी वकील के लिए काम करने वाले क्लर्क ने उसके साथ छेड़छाड़ की जब वह लिफ्ट में अकेली थी।

    यह कहा गया कि ग्रुप-डी कर्मचारी ने पहले भी उसके साथ छेड़छाड़ की थी, उसके द्वारा संभाले जा रहे मामलों में उसे लाभ पहुंचाने का वादा किया था।

    यह कहा गया कि महिला ने अपने सहकर्मियों को सूचित किया, जिन्होंने आरोपी का सामना किया। बाद में स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया, जो भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामले की जांच कर रहा है।

    उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम (POSH Act) के प्रावधानों को हाईकोर्ट परिसर में लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी थी।

    "हमें लगता है कि रिट याचिका बिल्कुल समय से पहले दायर की गई है। प्रार्थना संख्या ए, RTI Act के तहत उठाए गए प्रश्न के अनुसरण में याचिकाकर्ता द्वारा प्राप्त उत्तर पर आधारित है। याचिकाकर्ता RTI उत्तर में विरोधाभासों पर कलकत्ता हाईकोर्ट को कारण बताओ नोटिस देने के लिए प्रार्थना करता है। याचिका से हमें पता चलता है कि याचिकाकर्ता अभ्यासशील वकील है, जो रजिस्ट्री को अभ्यावेदन भी देने में विफल रहा है, जो कि किया जाना चाहिए था, क्योंकि याचिकाकर्ता 2019 से इस न्यायालय में प्रैक्टिस करने का दावा करता है। परमादेश की रिट केवल तभी जारी की जा सकती है, जब अधिकारियों द्वारा निष्क्रियता की गई हो या वास्तविक अभ्यावेदन पर कानून के अनुसार कार्रवाई नहीं की गई हो।”

    चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय की खंडपीठ ने कहा,

    “याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई अभ्यावेदन नहीं किया। ऐसा प्रतीत होता है कि रिट याचिका RTI Act के तहत प्राप्त उत्तरों पर आधारित है। इसलिए हमें लगता है कि रिट याचिका बिल्कुल समय से पहले दायर की गई। इस पर विचार नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता को संबंधित फोरम के समक्ष उचित अभ्यावेदन करने की छूट होगी।”

    Next Story