पुलिस की केस डायरी से अहम दस्तावेज़ गायब होना दुर्भाग्यपूर्ण, हाईकोर्ट ने DGP को जांच पर विचार करने का निर्देश दिया
Amir Ahmad
20 Aug 2025 12:53 PM IST

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस अधिकारी पर सख्त टिप्पणी की, क्योंकि अदालत में भेजी गई केस डायरी की प्रति से महत्वपूर्ण दस्तावेज़ गायब पाए गए। यह तथ्य राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत के समक्ष रखा।
जस्टिस जय सेंगुप्ता ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इसे पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (DGP) के संज्ञान में लाने का आदेश दिया।
उन्होंने कहा,
“यह वास्तव में अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी भी कारणवश राज्य के वकील को जो केस डायरी की प्रति दी गई, उसमें ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ शामिल नहीं थे, जैसे पीड़ित का डिस्चार्ज सर्टिफिकेट, जो गंभीर चोटों को दर्शाता था। केवल तब जब जांच अधिकारी को मूल केस डायरी के साथ बुलाया गया, यह बात सामने आई। अब यह उपयुक्त प्राधिकारियों पर निर्भर करता है कि इस मामले में जांच कराई जाए या नहीं। आदेश की प्रति विशेष दूत के माध्यम से पश्चिम बंगाल के DGP को भेजी जाए।”
यह टिप्पणियां उस अग्रिम जमानत याचिका पर आईं, जिसमें शिकायतकर्ता की ओर से वकील ने याचिका का विरोध करते हुए सरकारी अस्पताल का डिस्चार्ज सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया। इस सर्टिफिकेट में दर्शाया गया कि पीड़ित को अन्य चोटों के साथ स्प्लीन में गंभीर चोट लगी और उसका शल्य चिकित्सा द्वारा हटाना पड़ा।
राज्य की ओर से एडवोकेट ने बताया कि यह डिस्चार्ज सर्टिफिकेट पहले दी गई केस डायरी की प्रति में शामिल नहीं था। लेकिन जब जांच अधिकारी को मूल केस डायरी के साथ बुलाया गया तब उसमें उक्त सर्टिफिकेट पाया गया।
अदालत ने केस डायरी में उपलब्ध आपत्तिजनक सामग्री और डिस्चार्ज सर्टिफिकेट के आधार पर जिसमें पीड़ित के महत्वपूर्ण अंग पर गंभीर चोट का उल्लेख था, अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
केस टाइटल: In the matter of: AAA & Ors.

