कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चुनाव के बाद हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
Amir Ahmad
26 Jun 2024 11:10 AM GMT
कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद भड़की हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था बहाल हो।
जस्टिस हरीश टंडन और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने पहले राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि हिंसा में विस्थापित हुए लोगों को उनके मूल स्थानों पर सुरक्षित वापस जाने का मार्ग प्रदान किया जाए।
इस अवसर पर न्यायालय ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बहाल करना राज्य का कर्तव्य है और यदि राज्य ऐसा करने में विफल रहता है तो केंद्र सरकार सशस्त्र बलों की तैनाती सहित इसके लिए सभी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र होगी।
इससे पहले एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने न्यायालय को सूचित किया कि राज्य दायर शिकायतों की जांच कर रहा है। बड़ी संख्या में डुप्लिकेट शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं, जबकि कई अन्य अधूरी हैं।
उन्होंने याचिकाकर्ताओं की दलीलों का भी समर्थन किया कि राज्य पुलिस आने वाली शिकायतों को संभालने में असमर्थ है।
जनहित याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रियंका टिबरेवाल ने न्यायालय के समक्ष हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें हिंसा में विस्थापित हुए लोगों की सूची थी और प्रार्थना की कि उन्हें सुरक्षित रूप से उनके घरों में वापस पहुंचाया जाए।
केंद्र सरकार के लिए एएसजी ने प्रस्तुत किया कि न्यायालय के निर्देशों के आधार पर केंद्रीय बलों की तैनाती को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि न्यायालय ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार कानून-व्यवस्था की स्थिति के आधार पर केंद्रीय बलों की आगे की तैनाती के लिए कोई भी निर्णय ले सकती है।