आपके मुवक्किल की वजह से ज़्यादातर उधारकर्ताओं को LOC का सामना करना पड़ रहा: आर्थिक अपराधी अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने विजय माल्या के वकील से कहा

Amir Ahmad

17 Aug 2024 6:47 AM GMT

  • आपके मुवक्किल की वजह से ज़्यादातर उधारकर्ताओं को LOC का सामना करना पड़ रहा: आर्थिक अपराधी अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने विजय माल्या के वकील से कहा

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व शराब कारोबारी विजय माल्या देश में कई उधारकर्ताओं के खिलाफ़ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी करने का पहला कारण बन गए हैं।

    जस्टिस कल्पना श्रीराम और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने यह टिप्पणी माल्या द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की जिसमें भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई। याचिका में मुंबई की विशेष अदालत के 5 जनवरी 2019 के आदेश को भी चुनौती दी गई, जिसके तहत माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया।

    भूमि प्रबंधन में मुद्दों को उठाया

    न्यायाधीशों ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि माल्या की वजह से ही देश के अधिकांश उधारकर्ता अब LOC का सामना कर रहे हैं।

    पीठ ने माल्या के वकील से कहा,

    "यह आपके मुवक्किल की वजह से है कि अधिकांश उधारकर्ता एलओसी का सामना कर रहे हैं। वास्तव में वह पहला कारण है।"

    माल्या की ओर से पेश हुए एडवोकेट रवि गांधी ने पीठ से मामले को कुछ सप्ताह के लिए स्थगित करने का आग्रह किया, जिससे वह अपने मुवक्किल से 'उचित निर्देश' ले सकें।

    "आपको क्या निर्देश मिलेंगे?" जजों ने पूछा, जिस पर गांधी ने मामले को स्थगित करने के अपने अनुरोध को दोहराया।

    वकील ने पीठ को अवगत कराया कि याचिका अप्रैल 2019 में दायर की गई और तब से 'काफी पानी बह चुका है'। उन्होंने बताया कि कैसे 'भगोड़ा अपराधी' के रूप में उनकी घोषणा को चुनौती देने के लिए याचिका दायर की गई।

    गांधी ने प्रस्तुत किया,

    "फिर काफी पानी बह चुका है। संपत्तियों की कुर्की और बिक्री आदि हुई है। फिर अधिकारियों और मेरे मुवक्किल के बीच कुछ विवाद हुआ।”

    जजों ने हल्के-फुल्के अंदाज में मौखिक रूप से टिप्पणी की,

    "लेकिन इस सबमें वह (माल्या) आनंद ले रहे हैं।

    आखिरकार गांधी को 'निर्देश' प्राप्त करने के लिए मामले को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया। पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि वह कोई निर्देश प्राप्त करने में असफल रहते हैं तो वह याचिका खारिज कर देगी।

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