बॉम्बे हाईकोर्ट ने मोबाइल फोन पर अदालती कार्यवाही की ऑडियो रिकॉर्डिंग करने वाले व्यक्ति पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया

Amir Ahmad

1 March 2025 5:47 AM

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने मोबाइल फोन पर अदालती कार्यवाही की ऑडियो रिकॉर्डिंग करने वाले व्यक्ति पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक आदेश में एक वादी पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जो अपने मोबाइल फोन पर अदालती कार्यवाही की ऑडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था।

    जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस कमल खता की खंडपीठ ने आदेश में दर्ज किया कि वादी - साजिद अब्दुल जब्बार पटेल जो एक मामले में प्रतिवादी का रिश्तेदार है, ने अपने कदाचार के लिए 1 लाख रुपए का जुर्माना देने की पेशकश की।

    आदेश में कहा गया कि जब पीठ दो भाइयों के बीच संपत्ति विवाद से संबंधित रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी तो एक निजी प्रतिवादी के रिश्तेदारों में से एक पटेल को कोर्ट रूम में अपने मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए पाया गया। जजों के न्यायालय कर्मचारियों ने पाया कि पटेल कार्यवाही की ऑडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था।

    आदेश में दर्ज किया गया,

    "इसलिए संबंधित न्यायालय के कर्मचारियों ने उक्त व्यक्ति से पूछताछ की। उसने न्यायालय के कर्मचारियों को बताया कि वह प्रतिवादी नंबर 3 और 4 का रिश्तेदार है। न्यायालय के कर्मचारियों द्वारा पूछे जाने पर उन्हें बताया गया कि उसे इस न्यायालय की रजिस्ट्री द्वारा उक्त ऑडियो रिकॉर्डिंग करने की कोई अनुमति नहीं दी गई। इसलिए रजिस्ट्री द्वारा जारी 13 फरवरी 2017 के नोटिस के अनुसार उसका गैजेट यानी मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया स्विच ऑफ कर दिया गया और फिर उसे सुरक्षित अभिरक्षा के लिए रजिस्ट्री को भेज दिया गया।”

    पटेल के रिश्तेदारों (मामले में प्रतिवादी) का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता हितेन वेनेगावकर से जब पूछा गया तो उन्होंने न्यायालय को बताया कि कार्यवाही की ऑडियो रिकॉर्डिंग करने की ऐसी कोई अनुमति उन्हें नहीं दी गई और उनका आचरण उचित नहीं हो सकता।

    खंडपीठ ने कहा,

    "वेनेगावकर ने इस न्यायालय से अनुरोध किया कि उनके प्रति नरमी बरती जाए, क्योंकि यह उनका पहला कृत्य है। इसलिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसके बाद उन्होंने साजिद अब्दुल जब्बार पटेल के निर्देश पर इस न्यायालय को सूचित किया कि उनके उक्त कदाचार के लिए वे (पटेल) बॉम्बे हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर वर्तमान आदेश के अपलोड होने की तिथि से तीन दिनों की अवधि के भीतर मुंबई स्थित हाईकोर्ट कर्मचारी मेडिकल कल्याण कोष में 1 लाख रुपये का भुगतान करेंगे। उक्त कथन को इस न्यायालय को दिए गए वचन के रूप में स्वीकार किया जाता है।”

    पटेल द्वारा दिए गए कथन को स्वीकार करते हुए पीठ ने तत्काल आदेश के अनुपालन के लिए सुनवाई 5 मार्च तक स्थगित कर दी।

    केस टाइटल: समीर मोहम्मद यूसुफ पटेल बनाम पनवेल नगर निगम (सिविल रिट याचिका 16293/2024)

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