6 फीट तक की सभी PoP मूर्तियों का कृत्रिम जल कुंडों में अनिवार्य रूप से विसर्जन होगा: बॉम्बे हाईकोर्ट
Amir Ahmad
24 July 2025 3:37 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार (24 जुलाई) को स्पष्ट किया कि आगामी गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा उत्सवों के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) से बनी 6 फीट तक ऊँची मूर्तियों का कृत्रिम तालाबों/जल कुंडों में विसर्जन अनिवार्य रूप से करना होगा।
चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस संदीप मार्ने की खंडपीठ ने कहा कि पिछले वर्ष बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने 5 फीट से कम ऊंचाई वाली 1.95 लाख गणेश मूर्तियों के लिए लगभग 204 जल कुंड बनाए। हालांकि, इन 204 कुंडों में केवल 85,000 मूर्तियों का ही विसर्जन किया गया, जबकि शेष मूर्तियों का विसर्जन केवल प्राकृतिक जल स्रोतों में किया गया।
एडवोकेट जनरल डॉ. बीरेंद्र सराफ ने जजों को बताया कि इस वर्ष यह सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा कि 5 फीट तक की सभी मूर्तियां ऐसे कृत्रिम जलाशयों में विसर्जित की जाएं।
खंडपीठ ने यह कहते हुए कि वह 21 जुलाई, 2025 को राज्य द्वारा बनाई गई नीति से संतुष्ट नहीं है, जिसमें प्राकृतिक जलाशयों में 5 फीट से ऊंची मूर्तियों की अनुमति दी गई थी सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश देना उचित समझा कि 6 फीट तक की ऊंचाई वाली मूर्तियों का कृत्रिम जलाशयों में सख्ती से विसर्जित किया जाए।
चीफ जस्टिस ने स्पष्ट किया,
"इस न्यायालय को यह प्रयास करना होगा कि मूर्तियों के विसर्जन का पर्यावरण पर प्रभाव न्यूनतम हो। इसलिए 5 फीट की बजाय, 6 फीट तक की मूर्तियों का अनिवार्य रूप से कृत्रिम जलाशयों में विसर्जित किया जाए।"
खंडपीठ ने राज्य और महाराष्ट्र भर के नगर निकायों को निम्नलिखित निर्देश जारी किए:
1. राज्य को मूर्तियों के विसर्जन संबंधी अपनी नीति का अक्षरशः कार्यान्वयन सुनिश्चित करना होगा।
2. राज्य सभी स्थानीय निकायों को दिशानिर्देशों का कड़ाई से कार्यान्वयन और प्रवर्तन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी करेगा।
3. राज्य भर के सभी स्थानीय निकाय दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे और सार्वजनिक मंडलों को छोटे आकार की मूर्तियां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे... वे यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाएंगे कि बड़े आकार की मूर्तियों का पुन: उपयोग किया जा सके या अगले वर्ष पुनः स्थापित किया जा सके और छोटी मूर्तियों का विसर्जन किया जा सके।
4. स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करेंगे कि 6 फीट से कम ऊंची मूर्तियों का कृत्रिम कुंडों में विसर्जन किया जाए।
5. राज्य, PoP मूर्तियों के पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण के सुझाव के लिए समिति का गठन करेगा। विशेषज्ञ समिति पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पीओपी मूर्तियों को शीघ्रता से विघटित करने के वैज्ञानिक तरीकों की भी जांच करेगी।
याचिकाकर्ता के वकील द्वारा राज्य की नीति पर आपत्ति जताए जाने पर चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की,
"हम भी (नीति से) संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन हम कृत्रिम तालाब नहीं बना सकते... हम देख सकते हैं कि इस वर्ष 1.10 लाख से अधिक मूर्तियां प्राकृतिक जलस्रोतों में नहीं जाएंगी... क्या यह सही निर्देश है? सकारात्मक पक्ष पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। इस न्यायालय कक्ष में बैठकर आदेश पारित करना बहुत आसान है, लेकिन हमें प्रशासन की समस्याओं पर भी विचार करने की आवश्यकता है। हम स्वयं इन सब से खुश नहीं हैं... लेकिन हम समाज का हिस्सा हैं और हमें लागू करने योग्य आदेश पारित करने की आवश्यकता है।"
जजों ने कहा कि ये आगामी गणेशोत्सव, जो 27 अगस्त से शुरू हो रहा है, उसके लिए अंतरिम आदेश हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये निर्देश इस वर्ष दुर्गा, काली मां की मूर्तियों और अन्य सभी त्योहारों, जिनमें मूर्तियों को जल में विसर्जित किया जाता है, के विसर्जन पर भी लागू होंगे।
खंडपीठ ने मामले पर आगे विचार करने के लिए सुनवाई आठ सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।

