बॉम्बे हाईकोर्ट ने पति के खिलाफ पत्नी की मर्यादा भंग करने के आरोप में दर्ज कराई गई FIR खारिज करने से किया इनकार

Amir Ahmad

10 Jan 2025 11:30 AM IST

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने पति के खिलाफ पत्नी की मर्यादा भंग करने के आरोप में दर्ज कराई गई FIR खारिज करने से किया इनकार

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति के खिलाफ उसकी अलग रह रही पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई FIR खारिज करने से इनकार कर दिया।

    जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस राजेश पाटिल की खंडपीठ ने मुंबई के मालवणी में कस्तूरबा सब पुलिस स्टेशन में धारा 354, 506 और 323 के तहत दर्ज कराई गई FIR खारिज करने से इनकार कर दिया।

    जजों ने 7 जनवरी को पारित आदेश में कहा,

    "हमें नहीं लगता कि हम इस कार्यवाही में एक छोटा ट्रायल चलाकर यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि FIR की सामग्री पूरी तरह से झूठी है। FIR रद्द की जानी चाहिए। इस प्रकार याचिका खारिज की जाती है।”

    पति द्वारा दायर याचिका के अनुसार यह तर्क दिया गया कि दंपति अपने 10 वर्षीय बेटे के साथ एक ही घर में रहते हैं। लेकिन उनके बीच वैवाहिक विवादों के कारण पत्नी अपने बच्चे के साथ बेडरूम में और पति लिविंग रूम में सोते हैं।

    मनोरंजन कंपनी में काम करने वाली पत्नी ने अपनी FIR में आरोप लगाया कि 26 फरवरी 2024 को पति उसके बेडरूम में आया और जबरन उसका दरवाजा खोला और उससे बहस की, जिसके लिए उसने पुलिस से उसके खिलाफ धारा 506 लगाने का आग्रह किया। अगले दिन पति जबरन बेडरूम में घुस गया और पत्नी की अनुमति के बिना शौचालय का इस्तेमाल किया।

    जब उसने उससे पूछा तो उनके बीच बहस हुई और इस बीच जब उसने इसका वीडियो रिकॉर्ड करने की कोशिश की, तो उसने उसका फोन छीन लिया। उसके स्तन को छू लिया, जिसके बारे में पत्नी ने कहा कि उसने उसकी अनुमति के बिना ऐसा किया। इस तरह उसे अपमानित महसूस हुआ। इसके बाद वे दोनों रसोई के पास गए और पति ने उसके साथ मारपीट की।

    उसके अनुसार पत्नी ने पुलिस को बुलाया और तत्काल FIR दर्ज कराई।

    पति ने तर्क दिया कि उसके खिलाफ FIR प्रेरित थी। यह उनके वैवाहिक कलह का परिणाम था और कुछ नहीं।

    उन्होंने तर्क दिया कि पत्नी ने झूठी कहानी गढ़ी है और पुलिस को झूठे बयान दिए, जिसने उनके झूठे बयान के आधार पर अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। इसलिए उन्होंने FIR रद्द करने की मांग की।

    न्यायाधीश इससे सहमत नहीं हुए और याचिका खारिज कर दी।

    केस टाइटल: संकेत मोरे बनाम महाराष्ट्र राज्य (रिट याचिका 2137/2024)

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