भाई और पूर्व पत्नी के खिलाफ नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का 100 करोड़ का मानहानि मुकदमा खारिज
Amir Ahmad
10 Oct 2025 3:50 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को बड़ा झटका देते हुए उनके भाई शमसुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व पत्नी अंजना पांडे के खिलाफ दायर किए गए 100 करोड़ के मानहानि और प्रतिष्ठा की हानि के दावे वाले दीवानी मुकदमा खारिज किया।
जस्टिस जितेंद्र जैन की सिंगल बेंच ने गैर-अभियोजन के आधार पर इस मुकदमा खारिज कर दिया।
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने यह मुकदमा 2008 से शुरू हुए घटनाक्रमों के आधार पर दायर किया था। मुकदमे के अनुसार, नवाज़ुद्दीन ने अपने भाई शम्सुद्दीन को उसकी बेरोज़गारी के कारण अपना प्रबंधक नियुक्त किया था। शम्सुद्दीन पर ऑडिटिंग आयकर रिटर्न दाखिल करने जीएसटी का भुगतान करने और अन्य वित्तीय कार्यों की ज़िम्मेदारी थी। एक्टर ने अपना ध्यान अभिनय पर केंद्रित करने के लिए शम्सुद्दीन को अपने क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड, हस्ताक्षरित चेक बुक, बैंक पासवर्ड और ईमेल पते जैसी महत्वपूर्ण चीजें सौंप दी थीं।
नवाज़ुद्दीन ने आरोप लगाया कि शम्सुद्दीन ने उन्हें धोखा देना और जालसाज़ी करना शुरू कर दिया। उन्होंने दावा किया कि शम्सुद्दीन ने कई संपत्तियां संयुक्त रूप से खरीदीं लेकिन एक्टर को बताया कि वे केवल उन्हीं के नाम पर खरीदी जा रही हैं। इन संपत्तियों में यारी रोड पर एक फ्लैट और अर्ध-वाणिज्यिक संपत्ति, बुलढाणा में एक जगह, शाहपुर में एक फार्महाउस, दुबई में एक संपत्ति और रेंज रोवर, बीएमडब्ल्यू, डुकाटी जैसे 14 वाहन शामिल हैं।
नवाज़ुद्दीन के अनुसार जब उन्होंने शम्सुद्दीन से सवाल किया तो उनके भाई ने उनकी पूर्व पत्नी अंजना पांडे को उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज कराने के लिए उकसाया। नवाज़ुद्दीन ने यह भी दावा किया कि अंजना पांडे ने शादी से पहले खुद को अविवाहित मुस्लिम बताया था, जबकि वह पहले से किसी और से शादीशुदा थीं।
मुकदमे में नवाज़ुद्दीन ने आरोप लगाया कि शम्सुद्दीन और पांडे ने मिलकर 20 करोड़ का गबन किया। शम्सुद्दीन को 2020 में प्रबंधक पद से हटा दिया गया। इसके बाद नवाज़ुद्दीन को आयकर, जीएसटी और अन्य सरकारी विभागों से शम्सुद्दीन द्वारा भुगतान न किए गए 37 करोड़ के बकाए के लिए कानूनी नोटिस मिले।
नवाज़ुद्दीन ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अपनी संपत्तियां वापस मांगी तो शम्सुद्दीन और पांडे ने सोशल मीडिया पर घटिया वीडियो और टिप्पणियों के साथ उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि शम्सुद्दीन ने अन्य भाइयों को भी ऐसा करने के लिए उकसाया। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की शिक्षा के लिए दिए गए प्रति माह 10 लाख और एक प्रोडक्शन हाउस शुरू करने के लिए दिए गए 2.5 करोड़ का उपयोग अंजना पांडे ने अपने सुख और भोग के लिए किया।
नवाज़ुद्दीन ने आरोप लगाया कि शम्सुद्दीन और पांडे द्वारा बनाए गए झूठे वीडियो और पोस्ट के कारण उनकी आगामी फिल्में स्थगित हो गईं। उन्होंने दावा किया था कि पोस्ट इतने अपमानजनक थे कि उन्हें सामाजिक समारोहों और सार्वजनिक रूप से बाहर जाने में शर्मिंदगी महसूस होती थी।
इस मुकदमे में नवाज़ुद्दीन ने शम्सुद्दीन और पांडे को उन्हें बदनाम करने और सोशल मीडिया पर मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी। इसके अलावा उन्होंने एक लिखित सार्वजनिक माफी और सोशल मीडिया से अपमानजनक पोस्ट हटाने की मांग की। नवाज़ुद्दीन ने यह भी प्रार्थना की कि दोनों को अपनी संपत्तियों का निपटान करने से रोका जाए ताकि उन्हें हुई क्षति की भरपाई पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
इन गंभीर आरोपों के बावजूद बॉम्बे हाईकोर्ट ने गैर-अभियोजन के कारण इस उच्च-मूल्य वाला मुकदमा खारिज कर दिया।

