कैंसर से पीड़ित महिला ने 24 सप्ताह की प्रेग्नेंसी टर्मिनेट की मांग की, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया

Amir Ahmad

3 July 2024 6:32 AM GMT

  • कैंसर से पीड़ित महिला ने 24 सप्ताह की प्रेग्नेंसी टर्मिनेट की मांग की, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मेडिकल बोर्ड का गठन किया जो यह जांच करेगा कि क्या विवाहित महिला की 24 सप्ताह की प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट किया जा सकता है जिससे उसे कैंसर के खिलाफ उपचार का लाभ मिल सके।

    जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ ने कहा कि महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान अग्नाशय के कैंसर का पता चला था।

    खंडपीठ ने 1 जुलाई के अपने आदेश में कहा,

    "हमें के.ई.एम. अस्पताल, मुंबई के अधिकारियों से अनुरोध है कि वे मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम (MPT Act) की धारा 3(2डी) के अनुसार मेडिकल बोर्ड का गठन करें, जो याचिकाकर्ता की जांच करे और यह पता लगाए कि याचिकाकर्ता नंबर 1 अपनी प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन के लिए फिट है या नहीं है।”

    खंडपीठ ने मेडिकल बोर्ड से 3 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया।

    खंडपीठ ने मामले को 3 जुलाई तक स्थगित करते हुए कहा,

    "रिपोर्ट में याचिकाकर्ता के वास्तविक और उचित रूप से पूर्वानुमानित वातावरण को ध्यान में रखते हुए उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रेग्नेंसी के प्रभाव को भी दर्शाया जाना चाहिए।"

    याचिकाकर्ता के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान उसे कई लीवर मेटास्टेसिस के साथ अग्नाशय के कैंसर का पता चला और उसके डॉक्टरों ने उसे बताया कि वह अपनी प्रेग्नेंसी के कारण कीमोथेरेपी के लिए अयोग्य है। उन्होंने टाटा मेमोरियल सेंटर में काम करने वाले डॉक्टर का 26 जून 2024 का पत्र भी रिकॉर्ड में रखा, जो किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग को संबोधित था, जिसमें उनका मूल्यांकन करने और उनकी प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन की संभावना पर विचार करने का अनुरोध किया गया।

    इस मामले की सुनवाई 3 जुलाई को होगी।

    केस टाइटल- XYZ बनाम महाराष्ट्र राज्य

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