7,000 मूर्तियां छोटी बात नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से ऊंची गणेश मूर्तियों के लिए कृत्रिम विसर्जन विकल्प तलाशने को कहा
Amir Ahmad
23 July 2025 4:04 PM IST

गणेश उत्सव के दौरान प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) से बनी मूर्तियों के प्राकृतिक जलस्रोतों में विसर्जन पर चल रही याचिका की सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को पर्यावरणीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऊंची मूर्तियों के लिए भी कृत्रिम टैंकों में विसर्जन का विकल्प अपनाने पर विचार करने को कहा।
राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल डॉ. बीरेन्द्र सराफ ने चीफ जस्टिस अलोक अराधे और जस्टिस संदीप मर्ने की पीठ को बताया कि 5 फीट तक की सभी मूर्तियों का विसर्जन अब अनिवार्य रूप से कृत्रिम जलाशयों में ही होगा।
हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि 5 फीट से ऊंची करीब 7,000 मूर्तियां अब भी प्राकृतिक जलस्रोतों में ही विसर्जित की जाएंगी और उन्हें अगली सुबह तक वहाँ से निकाल लिया जाएगा ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
इस पर पीठ ने नाराज़गी जताते हुए कहा,
"7,000 का आंकड़ा बहुत बड़ा है। इतनी संख्या में मूर्तियों का प्राकृतिक जलस्रोतों में विसर्जन पर्यावरण के लिए खतरा बन सकता है। आप कम से कम 7 से 8 फीट तक की मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम टैंकों में क्यों नहीं कर सकते?"
इस पर AG सराफ ने जवाब दिया कि 10 फीट की मूर्ति को एक टैंक में विसर्जित करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इतनी बड़ी मूर्ति एक ही टैंक में पूरी जगह घेर लेती है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि लगभग 3,869 मूर्तियां 5 से 10 फीट के बीच हैं और 3,900 से अधिक मूर्तियां 10 फीट से ऊपर हैं।
कोर्ट ने सुझाव दिया कि पर्यावरण की रक्षा के लिए सरकार को कम से कम 7 या 8 फीट तक की मूर्तियां कृत्रिम टैंकों में विसर्जित करने की संभावना पर विचार करना चाहिए।
चीफ जस्टिस अराधे ने कहा,
"हमारा एकमात्र उद्देश्य पर्यावरण पर प्रभाव को कम करना है। कृपया कल तक यह स्पष्ट करें कि क्या आप 7 से 8 फीट तक की मूर्तियों के लिए कृत्रिम टैंक का विकल्प अपनाएंगे। फिर हम इस वर्ष के गणेशोत्सव के लिए अंतरिम आदेश पारित करेंगे।"
कोर्ट ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी और स्पष्ट किया कि वह इस वर्ष के लिए अंतरिम निर्देश जारी करेगा जबकि अंतिम निर्णय बाद में सुनाया जाएगा।
केस टाइटल: गणेश मूर्ति विसर्जन नीति पर चल रही जनहित याचिका (PIL)

