महाराष्ट्र अपार्टमेंट स्वामित्व अधिनियम के तहत रखरखाव शुल्क फ्लैट मालिकों के प्रस्ताव द्वारा संशोधित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

Amir Ahmad

7 Aug 2025 11:55 AM IST

  • महाराष्ट्र अपार्टमेंट स्वामित्व अधिनियम के तहत रखरखाव शुल्क फ्लैट मालिकों के प्रस्ताव द्वारा संशोधित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि कॉन्डोमिनियम में अपार्टमेंट मालिकों को महाराष्ट्र अपार्टमेंट स्वामित्व अधिनियम, 1970 की धारा 10 के अनुसार अपने अविभाजित हित के अनुपात में साझा क्षेत्रों के लिए रखरखाव शुल्क का भुगतान करना होगा। न्यायालय ने कहा कि इस वैधानिक आवश्यकता को अपार्टमेंट मालिकों के संघ द्वारा पारित प्रस्तावों द्वारा संशोधित या रद्द नहीं किया जा सकता है जो इकाई के आकार की परवाह किए बिना समान शुल्क लगाने की मांग करते हैं।

    जस्टिस मिलिंद एन. जाधव ट्रेजर पार्क कॉन्डोमिनियम के सदस्यों द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें सहकारी समितियों के उप-पंजीयक और सहकारी न्यायालय द्वारा पारित आदेशों को चुनौती दी गई। इसमें निर्देश दिया गया कि रखरखाव शुल्क अपार्टमेंट के क्षेत्रफल के अनुपात में लगाया जाना चाहिए, न कि समान रूप से।

    याचिकाकर्ताओं बड़े फ्लैटों (3BHK और 4BHK) के मालिकों ने तर्क दिया कि सभी अपार्टमेंट मालिक समान रूप से साझा सुविधाओं का लाभ उठाते हैं। इसलिए समान बंटवारे की व्यवस्था उचित है। उन्होंने तर्क दिया कि सहकारी न्यायालय द्वारा पारित विवादित आदेश एक गलत धारणा पर आधारित है कि बड़े फ्लैटों में अधिक संख्या में लोग रहते हैं, जिसका साझा रखरखाव राशि से कोई संबंध नहीं है।

    न्यायालय ने इन दलीलों को खारिज कर दिया और माना कि अपार्टमेंट अधिनियम और पंजीकृत घोषणा पत्र, दोनों ही साझा खर्चों के आनुपातिक बंटवारे को अनिवार्य करते हैं। न्यायालय ने कहा कि घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से यह प्रावधान है कि साझा क्षेत्र के रखरखाव के लिए योगदान उनके द्वारा खरीदे गए अपार्टमेंट के हिस्से के आधार पर होगा।

    न्यायालय ने कहा,

    "प्रत्येक अपार्टमेंट मालिक को दिए गए साझा क्षेत्र में हिस्सेदारी के प्रतिशत का निर्धारण घोषणा पत्र के अनुसार होता है, जिसकी गणना अपार्टमेंट अधिनियम में दिए गए प्रावधान के अनुसार संपूर्ण संपत्ति के मूल्य के संबंध में अपार्टमेंट के मूल्य के अनुपात में की जानी आवश्यक है। घोषणा पत्र अपार्टमेंट अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप पाया गया।"

    अधिनियम की धारा 10 का हवाला देते हुए न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि साझा क्षेत्रों में अविभाजित हित प्रत्येक अपार्टमेंट मालिक की वित्तीय ज़िम्मेदारी निर्धारित करता है और सदस्यों को केवल समान रखरखाव के प्रस्ताव द्वारा इसका पालन करने से नहीं रोका जा सकता।

    न्यायालय ने कहा,

    "यह देखा गया कि सिर्फ़ इसलिए कि कॉन्डोमिनियम के सदस्यों के संघ ने अतीत में समान रखरखाव के लिए प्रस्ताव पारित किया। इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें/या सदस्यों को क़ानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने से रोका गया। अपार्टमेंट अधिनियम के तहत कॉन्डोमिनियम को अपार्टमेंट अधिनियम की धारा 10 के तहत साझा क्षेत्रों और सुविधाओं के रखरखाव के लिए सभी अपार्टमेंट मालिकों के हित में कार्य करने का अधिकार है।"

    तदनुसार, न्यायालय ने रिट याचिका खारिज कर दी और उप-रजिस्ट्रार और अपीलीय न्यायालय के आदेशों को बरकरार रखा।

    केस टाइटल: सचिन मालपानी एवं अन्य बनाम नीलम पाटिल एवं अन्य

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