पति की प्रेमिका उसकी रिश्तेदार नहीं, इसलिए उस पर धारा 498ए IPC के तहत क्रूरता का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

Amir Ahmad

23 Aug 2024 10:43 AM GMT

  • पति की प्रेमिका उसकी रिश्तेदार नहीं, इसलिए उस पर धारा 498ए IPC के तहत क्रूरता का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि पति की प्रेमिका पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498ए के तहत दंडनीय घरेलू हिंसा या क्रूरता के आरोपों के तहत मामला दर्ज नहीं किया जा सकता।

    जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस वृषाली जोशी की खंडपीठ ने चंद्रपुर जिले की अदालत में वैशाली गावंडे के खिलाफ लंबित आरोपपत्र और अन्य कार्यवाही रद्द कर दी।

    न्यायाधीशों ने कहा,

    "आवेदक शिकायतकर्ता के पति का रिश्तेदार नहीं है, इसलिए भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए लागू नहीं होगी। क्योंकि आरोप-पत्र इस आवेदक के खिलाफ दायर किया गया, जो रिश्तेदार नहीं है। केवल इसलिए कि आरोप लगाए गए कि शिकायतकर्ता के पति का इस आवेदक के साथ विवाहेतर संबंध है। उसके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया, जो कानून के अनुसार अवैध है। इसलिए आपराधिक आवेदन को स्वीकार किया जाता है।"

    अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार शिकायतकर्ता ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और आवेदक का भी नाम लिया, जिसका उसने आरोप लगाया कि उसके पति के साथ विवाहेतर संबंध है। उसने आरोप लगाया कि आवेदक की वजह से पति ने शिकायतकर्ता के साथ क्रूरता की।

    इसलिए पुलिस ने 2020 में आवेदक का नाम लिया। पुलिस ने आवेदक के खिलाफ आरोप-पत्र भी दायर किया। हालांकि, आवेदक ने आरोप-पत्र को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया और मामले में अपनी संलिप्तता का तर्क दिया कि वह शिकायतकर्ता के पति की रिश्तेदार नहीं है। इसलिए उसे 498ए मामले में नहीं फंसाया जा सकता।

    जजों ने आवेदक की दलील से सहमति जताई और आरोपपत्र खारिज कर दिया।

    केस टाइटल- वैशाली गावंडे बनाम महाराष्ट्र राज्य

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