उद्धव ठाकरे ने धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई, प्रचार के लिए दायर की गई याचिका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने व्यक्ति को पूर्व सीएम को 2 लाख रुपये देने का आदेश दिया

Amir Ahmad

2 Sept 2024 12:17 PM IST

  • उद्धव ठाकरे ने धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई, प्रचार के लिए दायर की गई याचिका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने व्यक्ति को पूर्व सीएम को 2 लाख रुपये देने का आदेश दिया

    बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने हाल ही में माना कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विभाजित शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने नांदेड़ में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान एक महंत (पुजारी) द्वारा उन्हें भेंट की गई पवित्र भस्म को माथे पर न लगाकर धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई।

    एकल जज जस्टिस संजय मेहरे ने याचिकाकर्ता मोहन चव्हाण पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्हें स्पष्ट रूप से कहा कि वह ठाकरे को डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) के माध्यम से उक्त भारी राशि का भुगतान करें।

    जस्टिस मेहरे ने 29 अगस्त को पारित आदेश में कहा,

    "यह दिलचस्प मामला है। तथ्यों पर विचार करते हुए प्रथम दृष्टया कानून की थोड़ी भी जानकारी रखने वाला हर व्यक्ति यही कहेगा कि यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग या मशहूर होने और सेलिब्रिटी बनने के लिए न्यायिक प्रणाली का उपयोग करने के अलावा और कुछ नहीं है। ऐसी याचिकाएं समाज के सम्मानित सदस्यों की छवि को खराब करती हैं। अधिकांश बार इस तरह की याचिकाएं गुप्त उद्देश्य से दायर की जाती हैं।"

    जस्टिस मेहरे ने आगे कहा कि मजिस्ट्रेट ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर सही ढंग से विश्वास नहीं किया और याचिका खारिज कर दी।

    न्यायाधीश ने कहा कि सेशन कोर्ट ने भी कानूनी और सही काम किया है। तदनुसार न्यायाधीश ने 2 लाख रुपये की लागत के साथ रिट याचिका पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त की।

    न्यायाधीश ने रेखांकित किया,

    "महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप मूल रूप से बिना किसी आधार के प्रतीत होते हैं। न्यायालय का मानना है कि यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए लागत लगाने का उपयुक्त मामला है।"

    इस स्तर पर याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की मांग की।

    पीठ ने इसे अनुमति देते हुए कहा,

    "याचिकाकर्ता को 2 लाख रुपये की लागत के साथ रिट याचिका वापस लेने की अनुमति दी गई, जिसे याचिकाकर्ता को आज से तीन सप्ताह के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे को देना होगा। इस न्यायालय में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। यदि आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

    केस टाइटल- मोहन चव्हाण बनाम महाराष्ट्र राज्य

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