बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में नमाज अदा करने की अनुमति देने संबंधी याचिका पर निर्णय लेने को कहा
Amir Ahmad
6 Jun 2025 4:18 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार (6 जून) को महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय के सचिव को आदेश दिया कि वह शहर के अगस्त क्रांति मैदान में नमाज अदा करने के लिए आवेदन पर आज ही निर्णय लें।
जस्टिस डॉ. नीला गोखले और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की अवकाशकालीन अदालत की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता उमर अब्दुल जब्बार गोपालानी ने अपनी याचिका में केवल मुंबई पुलिस के गामदेवी पुलिस स्टेशन द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी, जिसने अगस्त क्रांति मैदान में सामूहिक नमाज अदा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
पुलिस ने संभावित यातायात समस्याओं और ऐसे धार्मिक उद्देश्य के लिए सार्वजनिक मैदान के उपयोग के कारण उत्पन्न होने वाली संभावित "कानून और व्यवस्था" स्थिति के आधार पर अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि वे लगभग 50 वर्षों से उक्त भूमि का उपयोग कर रहे हैं और कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं आई, इसलिए उन्हें इस वर्ष भी अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने शहर की यातायात पुलिस और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से प्राप्त अनुमतियों पर भी भरोसा किया।
मुख्य लोक अभियोजक हितेन वेनेगावकर ने बताया कि यातायात विभाग और बीएमसी ने अनुमति नहीं दी, लेकिन कहा कि वे याचिकाकर्ताओं द्वारा कुछ शर्तों का पालन करने के बाद ही अनुमति देंगे।
सुनवाई के दौरान जस्टिस गोखले ने मार्च 2006 में हाईकोर्ट की समन्वय पीठ द्वारा पारित आदेश का हवाला दिया, जिसमें यह माना गया कि अगस्त क्रांति मैदान के उपयोग की अनुमति केवल सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी जा सकती है, जो राज्य के सांस्कृतिक मामलों और सामाजिक न्याय मंत्रालय के सचिव होंगे, क्योंकि उक्त मैदान एक "संरक्षित स्मारक" है।
इस पर गौर करने के बाद पीठ ने याचिकाकर्ता को अपनी याचिका में संशोधन करने और सक्षम प्राधिकारी को पक्षकार बनाने की अनुमति दी।
उक्त सक्षम प्राधिकारी को याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर शीघ्रता से तथा अधिमानतः आज ही निर्णय लेने का निर्देश जारी किया जाता है।
इन टिप्पणियों के साथ खंडपीठ ने याचिका का निपटारा कर दिया।