बॉम्बे हाईकोर्ट ने कॉर्पोरेट वकील पल्लवी पुरकायस्थ की हत्या के लिए चौकीदार की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी
Amir Ahmad
10 Nov 2025 5:26 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अगस्त, 2012 में मुंबई के वडाला इलाके में महिला कॉर्पोरेट वकील पल्लवी पुरकायस्थ की हत्या के दोषी चौकीदार की दोषसिद्धि बरकरार रखी।
जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने शहर की एक सत्र अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा पाए सज्जाद अहमद अब्दुल अजीज मुगल उर्फ पठान की दोषसिद्धि और सजा बरकरार रखी।
जज सेशन कोर्ट के जुलाई, 2014 के फैसले के खिलाफ दो अपीलों पर सुनवाई कर रहे थे, एक सज्जाद की और दूसरी राज्य की।
सज्जाद ने मामले से बरी करने की मांग की जबकि राज्य ने सजा को आजीवन कारावास से बढ़ाकर मृत्युदंड करने की मांग की।
गौरतलब है कि 9 अगस्त, 2012 को पल्लवी की बिल्डिंग में चौकीदार के तौर पर काम करने वाले सज्जाद ने जानबूझकर उसके अपार्टमेंट की बिजली काट दी थी, जिसके कारण पल्लवी ने एक इलेक्ट्रीशियन को बुलाया। वह इलेक्ट्रीशियन के साथ गया था।
इसके बाद सज्जाद ने उसके फ्लैट की चाबियां ले लीं और बाद में उसके साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की लेकिन पल्लवी ने खुद को बचाने की कोशिश की और इसी दौरान उसने उस पर चाकू से वार किया और मौके से फरार हो गया।
बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और जुलाई, 2014 में उसे हत्या का दोषी ठहराया गया। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
एक दोषी के तौर पर सज्जाद को फरवरी, 2016 में इस आधार पर पैरोल पर रिहा किया गया कि वह कश्मीर में अपने गृहनगर में अपनी बीमार मां से मिलना चाहता था। वह अपनी बीमार मां से मिलने नहीं गया। इसके बजाय पहचान बदलकर अंधेरी की एक दूसरी बिल्डिंग में चौकीदार का काम करने लगा। पैरोल की छुट्टी तोड़ने के एक साल बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

