बार-बार मुकदमेबाजी की अनुमति नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठाओं को कुंभी दर्जा देने के खिलाफ PIL खारिज की

Amir Ahmad

18 Sept 2025 5:35 PM IST

  • बार-बार मुकदमेबाजी की अनुमति नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठाओं को कुंभी दर्जा देने के खिलाफ PIL खारिज की

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार के उस शासनादेश (GR) के खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) खारिज की, जिसके तहत मराठा समुदाय के उन सदस्यों को जो स्वयं को कुंभी मूल का बताते हैं, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी में कुंभी जाति का प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है।

    चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अखंड की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले पर पहले से ही याचिका अदालत में लंबित है और नई याचिका दाख़िल करना मुकदमेबाजी की अनावश्यक पुनरावृत्ति होगी।

    चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की,

    “हम मुकदमेबाजी को बढ़ने नहीं दे सकते।"

    याचिका एडवोकेट विनीत विनोद धोत्रे ने दायर की थी, जिन्होंने खुद को अनुसूचित जाति (SC) समुदाय का सदस्य बताते हुए तर्क दिया कि यह शासनादेश मनमाना है और इससे OBC और SC समुदायों के अन्य वर्ग भी प्रभावित हो सकते हैं।

    राज्य सरकार ने याचिका का कड़ा विरोध किया और उसकी ग्राह्यता पर गंभीर आपत्ति जताई। साथ ही अदालत को बताया गया कि इसी विषय पर एक अन्य याचिका पहले से ही लंबित है।

    खंडपीठ ने कहा कि जब कोई व्यक्ति या समूह किसी सरकारी निर्णय से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित है और उसने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया हुआ है तो उसी मुद्दे पर अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा जनहित याचिकाएं दाख़िल करना अदालतों के कामकाज को बाधित करेगा।

    अदालत ने कहा,

    “हमारे विचार में यह वास्तविक जनहित में है कि एक ही मुद्दे पर लगातार मुकदमेबाजी न हो। अलग-अलग व्यक्ति जनहित का आवरण ओढ़कर बार-बार रिट याचिकाएं दाख़िल नहीं कर सकते।"

    इसी आधार पर अदालत ने याचिका खारिज कर दी। हालांकि याचिकाकर्ता को लंबित याचिका में हस्तक्षेप आवेदन दाख़िल करने की स्वतंत्रता दी गई है।

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