बॉम्बे हाईकोर्ट ने NCP नेता की याचिका पर जारी किया नोटिस, डॉ अंबेडकर की तस्वीर फाड़ने के खिलाफ दर्ज एफआईआर दर्ज करने की मांग

Amir Ahmad

3 Sept 2024 3:49 PM IST

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने NCP नेता की याचिका पर जारी किया नोटिस, डॉ अंबेडकर की तस्वीर फाड़ने के खिलाफ दर्ज एफआईआर दर्ज करने की मांग

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीनियर NCP (शरद पवार गुट) नेता जितेंद्र आव्हाड द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिन्होंने प्राथमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम में मनु स्मृति के विवादास्पद लेखन को शामिल करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए डॉ. बीआर अंबेडकर की तस्वीर फाड़ने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर को एक साथ करने की मांग की।

    जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने नोटिस जारी किया। इसे दो सप्ताह बाद वापस करने को कहा। एडवोकेट विनोद उत्तेकर के माध्यम से दायर अपनी याचिका में वर्तमान विधानसभा सदस्य (MLA) ने पीठ से आग्रह किया कि रायगढ़ और पुणे जिलों में उनके खिलाफ दर्ज तीन FIR को एक साथ जोड़ दिया जाए।

    याचिका के अनुसार आव्हाड के खिलाफ रायगढ़ जिले के महाड पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर दर्ज हैं, जबकि एक पुणे के बंडगार्डन पुलिस स्टेशन में दर्ज है। उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153, 153ए, 295ए और 188 के साथ-साथ बॉम्बे पुलिस अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।

    आव्हाड के अनुसार उन्हें प्राथमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम में मनु स्मृति के विवादास्पद लेखन को शामिल करने के राज्य के निर्णय के बारे में पता चला। उन्होंने तर्क दिया कि विचाराधीन लेखन की भारत के प्रमुख नेताओं द्वारा पहले ही आलोचना की जा चुकी है। याचिका में बताया गया कि समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा इसकी आलोचना के तुरंत बाद राज्य ने स्पष्ट किया कि वह पाठ्यक्रम में विवादास्पद लेखन को शामिल करने के अपने प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ेगा।

    इसी के तहत याचिकाकर्ता ने 29 मई 2024 को रायगढ़ के महाड़ में चावदार झील के पास आंदोलन किया, जहां उन्होंने दावा किया कि डॉ. अंबेडकर ने भी कई दशक पहले समाज के वंचित वर्ग को सार्वजनिक स्थानों से पानी पीने का अधिकार दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था।

    याचिका में कहा गया,

    “विरोध प्रदर्शन के दौरान याचिकाकर्ता ने विवादित लेखन को फाड़ दिया। इसके साथ ही अनजाने में डॉ. अंबेडकर की तस्वीर भी फाड़ दी। याचिकाकर्ता को लगा कि वह जो कागज फाड़ रहा है, वह वास्तव में विवादित लेखन है। हालांकि यह धारणा बनाकर कि याचिकाकर्ता जानबूझकर समाज में शांति और सद्भाव को बिगाड़ना चाहता है। उसके खिलाफ कम से कम 3 एफआईआर दर्ज की गई।”

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