खतरनाक और क्रूर कुत्तों पर प्रतिबंध पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं, अधिसूचना पर सार्वजनिक आपत्तियां आमंत्रित की गईं: केंद्र ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
Amir Ahmad
24 Jan 2025 10:02 AM

भारत संघ (UOI) ने आज बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि वह वर्तमान में उस अधिसूचना पर कार्रवाई नहीं कर रहा है, जिसमें खतरनाक और क्रूर मानी जाने वाली 23 कुत्तों की नस्लों के आयात प्रजनन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, UOI द्वारा जारी 12 मार्च 2024 की अधिसूचना में पिटबुल टेरियर, रॉटवीलर और मास्टिफ सहित 23 कुत्तों की नस्लों को खतरनाक और क्रूर घोषित किया गया। उनके आयात, बिक्री और पालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
सुनवाई के दौरान UOI के वकील ने कोर्ट को बताया कि संघ अधिसूचना पर कार्रवाई नहीं कर रहा है और उसने अधिसूचना पर आपत्तियां आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया। वकील ने बताया कि केंद्र सरकार आपत्तियों पर विचार करने के बाद उचित निर्णय लेगी।
गौरतलब है कि 12 मार्च 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट ने संबंधित कुत्तों की नस्लों की बिक्री और आयात पर प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए केंद्र सरकार की अधिसूचना पर आंशिक रूप से रोक लगा दी।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी मार्च 2024 में केवल कर्नाटक राज्य में अधिसूचना के संचालन पर रोक लगा दी और अप्रैल में अधिसूचना रद्द की।
अप्रैल 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट ने UOI के सर्कुलर रद्द कर दिया और इस आधार पर याचिकाओं का निपटारा कर दिया कि हितधारकों से परामर्श किए बिना या उनसे आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए बिना 23 कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाया गया।
वर्तमान मामला एक गैर सरकारी संगठन एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) से उत्पन्न हुआ है, जो एक डॉग शेल्टर चलाता है। NGO ने राज्य सरकार को एक निर्धारित समय के भीतर पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए राज्य बोर्ड और जिला सोसायटी का गठन करने के निर्देश मांगे।
NGO के वकील ने कहा कि NGO ने UOI द्वारा जारी सार्वजनिक नोटिस के अनुसरण में आपत्तियां दर्ज की हैं।
इस पर राज्य के वकील ने कहा कि राज्य बोर्ड के साथ-साथ जिला स्तर पर सोसायटियों का गठन किया गया।
चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने कहा कि यूओआई की अधिसूचना पर कुछ हाईकोर्ट ने रोक लगा दी।
याचिकाकर्ता वकील के अनुरोध पर न्यायालय ने याचिका में संशोधन करने की स्वतंत्रता दी और मामले को तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।
केस टाइटल एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट थ्रू विनीता टंडन बनाम भारत संघ (मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय) और अन्य (पीआईएल/58/2024)