बॉम्बे हाईकोर्ट ने गणेश माघी उत्सव के लिए POP की मूर्तियों की बिक्री और विसर्जन पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश जारी किया
Amir Ahmad
30 Jan 2025 7:40 AM

बॉम्बे हाईकोर्ट ने आगामी गणेश माघी उत्सव के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) की मूर्तियों के निर्माण बिक्री और विसर्जन के खिलाफ अंतरिम आदेश जारी किया।
चीफ जस्टिस आलोक आराधे और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने मूर्ति विसर्जन पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 12 मई 2020 को जारी दिशा-निर्देशों पर ध्यान दिया, जिसमें POP की मूर्तियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया।
याचिकाकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि CPCB के दिशा-निर्देशों और POP की मूर्तियों के उपयोग पर रोक लगाने वाले हाईकोर्ट के पिछले आदेश के बावजूद, विक्रेताओं द्वारा इन्हें बेचा और वितरित किया जा रहा है।
मूर्ति निर्माताओं के प्रतिवादी-संघ ने प्रस्तुत किया कि POP की मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने से उनका पेशा प्रभावित होगा। उन्होंने तर्क दिया कि CPCB के दिशा-निर्देश बाध्यकारी नहीं हैं। CPCB ने दिशा-निर्देश जारी करने से पहले कोई पर्यावरणीय आकलन नहीं किया।
न्यायालय ने पाया कि उसने जून 2022 में अजय वैशम्पायन बनाम राज्य (2022 लाइव लॉ (बॉम्बे) 234) के मामले में POP गणेश मूर्तियों पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की थी।
न्यायालय ने जिला कलेक्टर, तिरुनेलवेली बनाम प्रकाश (2023 लाइव लॉ (मैड) 270) में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया, जहां यह देखा गया कि कारीगरों को POP सामग्री का उपयोग करके मूर्तियां बनाने का कोई अधिकार नहीं है। उक्त निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
उपरोक्त के मद्देनजर हाईकोर्ट ने कारीगरों और विक्रेताओं द्वारा POP मूर्तियों की बिक्री और विसर्जन पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ताओं के पक्ष में अंतरिम आदेश दिया। न्यायालय ने नगर निगमों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मूर्ति विसर्जन पर CPCB के दिशानिर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाए।
न्यायालय अब मामले की सुनवाई 20 मार्च को करेगा।
केस टाइटल: रोहित मनोहर जोशी और अन्य बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य (PIL/96/2024)