महाराष्ट्र SC/ST आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की गई: राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
Amir Ahmad
18 Feb 2025 11:11 AM

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति की मांग करने वाली जनहित याचिका का निपटारा किया, जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार ने सदस्यों की नियुक्ति की है।
जस्टिस अराधे और जस्टिस आरिफ एस. डॉक्टर की खंडपीठ ने राज्य के हलफनामे पर गौर किया, जिसमें संकेत दिया गया कि 16 सितंबर 2024 के सरकारी संकल्प (जीआर) के माध्यम से आयोग में अध्यक्ष और 2 सदस्यों की नियुक्ति की गई। हलफनामे में कहा गया कि आयोग अभी कार्यरत है।
आयोग का गठन 01 मार्च 2020 को सरकारी प्रस्ताव द्वारा किया गया। आयोग की भूमिका अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक स्थितियों का अध्ययन करना तथा उनके सुधार के लिए राज्य सरकार को सुझाव प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त आयोग अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदायों के सदस्यों द्वारा उठाई गई शिकायतों की भी जांच कर सकता है।
याचिकाकर्ता की शिकायत थी कि आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति 03 दिसंबर 2020 से नहीं की गई। इस प्रकार SC/ST समुदायों द्वारा उठाई गई शिकायतों का समाधान नहीं किया जा रहा है।
04 सितंबर 2024 को न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस बारे में जवाब दाखिल करे कि दिसंबर 2020 से महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने नियुक्तियों पर आपत्ति जताई और प्रस्तुत किया कि नियुक्त सदस्य अपेक्षित योग्यताएं पूरी नहीं करते हैं। हालांकि, न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता को स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करने की स्वतंत्रता है।
उपरोक्त के मद्देनजर न्यायालय ने याचिका का निपटारा कर दिया।
केस टाइटल: सागर ज्ञानेश्वर शिंदे बनाम सचिव महाराष्ट्र राज्य आयोग और अन्य (पीआईएल/110/2024)