बॉम्बे हाईकोर्ट से Uber को बड़ी राहत, रिक्शा यूनियनों के हिंसक विरोध और सेवा बाधा की धमकी पर रोक

Amir Ahmad

23 July 2025 1:41 PM IST

  • बॉम्बे हाईकोर्ट से Uber को बड़ी राहत, रिक्शा यूनियनों के हिंसक विरोध और सेवा बाधा की धमकी पर रोक

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने उबर (Uber) को तत्काल अंतरिम राहत देते हुए रिक्शा चालकों की यूनियनों द्वारा 23 जुलाई से प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन और सेवा में बाधा डालने की धमकियों के खिलाफ आदेश पारित किया।

    यह याचिका जस्टिस आर.आई. चागला की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत की गई थी।

    उबर की ओर से पेश एडवोकेट ने दलील दी कि हाल ही में यूनियनों द्वारा उनके ड्राइवर-पार्टनर्स को भड़काया जा रहा है, क्योंकि वे काली-पीली टैक्सियों के समान अधिकार चाहते हैं और बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।

    यह भी बताया गया कि विरोध अब शारीरिक रूप ले चुका है, जिसमें ड्राइवरों को यात्रियों के साथ राइड बीच में रोकने के लिए धमकाया जा रहा है, गाड़ियों को नुकसान पहुँचाया जा रहा है और मुंबई एयरपोर्ट पर उबर ड्राइवरों का पीछा कर उनकी गाड़ियों की विंडशील्ड तोड़ी गई है।

    याचिका में कहा गया कि ड्राइवर, यात्रियों और उबर द्वारा पुलिस में शिकायतें दी गईं पुलिस ने यूनियनों को सेवा बाधित न करने की चेतावनी भी दी, बावजूद इसके विरोध जारी है। यूनियनों ने पर्चे बांटे हैं जिनमें ड्राइवरों को भड़काने की कोशिश की गई।

    एडवोकेट ने यह भी तर्क दिया कि दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जहां संबंधित अदालतों ने उबर को राहत दी थी और मुंबई में भी वैसी ही राहत तथा पुलिस सहायता मांगी गई।

    सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि उबर की सेवाएं बाधित हो रही हैं, यात्रियों को खतरा है और यदि पहले से नोटिस दिया गया, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

    कोर्ट ने यह भी कहा कि यूनियनों द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया कि 23 जुलाई से उबर की सभी गाड़ियां रोकी जाएंगी और उन्हें नुकसान पहुंचाया जाएगा।

    इसके मद्देनज़र कोर्ट ने आदेश पारित किया,

    "प्रार्थियों ने प्रथम दृष्टया एक मजबूत मामला प्रस्तुत किया। पिछले घटनाक्रम को देखते हुए यह स्पष्ट है कि आज से शुरू हो रहा प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं होगा। अतः ऐसे अवैध कृत्यों को रोकने के लिए आदेश पारित किए जाते हैं। सभी प्रतिवादियों (ज्ञात और अज्ञात) के विरुद्ध अंतरिम रोक आदेश पारित किया जाता है, जब तक अगला आदेश न दिया जाए।”

    मामला: Uber India Systems Pvt. Ltd. बनाम Auto Rickshaw Chalak Malak Sangh & Ors.

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