रिलायंस पर ONGC के गैस कुओं से 1.55 अरब डॉलर की चोरी के आरोपों की CBI जांच की मांग पर बॉम्बे हाईकोर्ट का नोटिस
Amir Ahmad
11 Nov 2025 5:44 PM IST
बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और उसके निदेशक मुकेश धीरूभाई अंबानी के खिलाफ कथित रूप से ONGC के पड़ोसी गैस कुओं से 1.55 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की प्राकृतिक गैस चोरी के आरोपों की CBI जांच की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।
बता दें, यह कथित गैस चोरी कृष्णा-गोदावरी बेसिन में आंध्र प्रदेश तट के पास स्थित गहरे समुद्री कुओं से होने का आरोप है।
यह याचिका भारतीय नागरिक जितेंद्र पी. मरू द्वारा दायर की गई, जिसमें उन्होंने अदालत से CBI और केंद्र सरकार को कार्रवाई का निर्देश देने की मांग की।
जस्टिस ए.एस. गडकरी और जस्टिस रंजीतसिंह राजा भोंसले की खंडपीठ ने 4 नवंबर के आदेश में CBI और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस याचिका पर अगली सुनवाई 18 नवंबर, 2025 को होगी।
याचिका के अनुसार, RIL ने 2004 से 2013-14 के बीच बड़े पैमाने पर संगठित धोखाधड़ी की, जिसके तहत उसने अपने कॉन्ट्रैक्ट वाले गहरे समुद्री कुओं से तिरछी ड्रिलिंग कर ONGC के सटे हुए कुओं से अवैध रूप से प्राकृतिक गैस निकाली। 2013 में ONGC अधिकारियों को इस अनधिकृत गैस निकासी का पता चला और उन्होंने इसकी सूचना भारत सरकार को दी थी।
RIL का दावा था कि गैस माइग्रेटरी है, इसलिए उसे निकालने का अधिकार है। लेकिन स्वतंत्र जांच एजेंसी डि गोलयर एंड मकनॉटन (D&M) ने पुष्टि की कि RIL ने ONGC के कुओं से बिना अनुमति गैस निकाली। इसके बाद ए.पी. शाह समिति ने चोरी की गई गैस का मूल्य 1.55 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक आंका, जिसमें 174.9 मिलियन डॉलर की ब्याज राशि भी शामिल है।
इसके पहले RIL को ONGC के साथ विवाद में एक आर्बिट्रल अवॉर्ड मिला था लेकिन 14 फरवरी, 2025 के अपने आदेश में दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार की अपील स्वीकार कर अवार्ड को सार्वजनिक नीति के विरुद्ध बताते हुए रद्द कर दिया था।
याचिका में दावा किया गया कि कथित साजिश की शुरुआत मुंबई से हुई इसलिए CBI के पास मामले की जांच का अधिकार क्षेत्र है। याचिकाकर्ता ने RIL और उसके निदेशकों के खिलाफ चोरी गलत तरीके से संपत्ति का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात के आरोपों में आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की।
मरू ने सभी संबंधित दस्तावेज कॉन्ट्रैक्ट जांच रिपोर्ट्स और ए.पी. शाह समिति की रिपोर्ट जब्त करने और सभी ज्ञात-अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ औपचारिक आरोप तय करने का भी अनुरोध किया।

