अनिल अंबानी को बॉम्बे हाईकोर्ट से अंतरिम राहत, बैंक ऑफ बड़ौदा को धोखाधड़ी वर्गीकरण पर कार्रवाई से रोका

Amir Ahmad

17 Sept 2025 5:14 PM IST

  • अनिल अंबानी को बॉम्बे हाईकोर्ट से अंतरिम राहत, बैंक ऑफ बड़ौदा को धोखाधड़ी वर्गीकरण पर कार्रवाई से रोका

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को अंतरिम राहत देते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा को उद्योगपति अनिल अंबानी के रिलायंस कम्युनिकेशंस के ऋण खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने वाले अपने 4 सितंबर के आदेश के तहत कोई भी कठोर कार्रवाई करने से रोक दिया।

    जस्टिस रियाज़ छागला और फरहान दुबाश की खंडपीठ ने बैंक को 24 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई तक कोई भी कार्रवाई न करने के लिए कहा है।

    कोर्ट ने अपने आदेश में दर्ज किया,

    "चूंकि बैंक ने वर्तमान याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा, इसलिए बैंक के वकील ने निर्देश पर कहा है कि वह बुधवार (24 सितंबर) तक इस नोटिस के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा। बैंक 23 सितंबर तक अपना जवाब दायर करे, तब तक कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं होगी।"

    यह आदेश तब आया, जब अंबानी ने बैंक के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। बैंक ने अंबानी की फर्म के ऋण खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया था, जिसमें उधार लिए गए धन का दुरुपयोग ऋण राशि का डायवर्जन, अनाधिकृत लेनदेन और अंतर-कॉर्पोरेट जमा का अनुचित उपयोग का हवाला दिया गया।

    अंबानी की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट नवराज सेरवाई ने पीठ को बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा उस बैंकों के समूह का हिस्सा नहीं था, जिसने ऋण दिया था। इसलिए पूरी कार्यवाही अवैध है।

    जजो ने कहा कि बैंक को एक हलफनामे के माध्यम से अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए।

    बैंक के वकील ने जजों को बताया कि उन्होंने पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अपने निर्णय की सूचना दे दी है।

    बैंक ने तर्क दिया,

    "याचिकाकर्ता को हमारी तरफ से कुछ कार्रवाई की आशंका है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि SBI ने पहले ही उनके खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से संपर्क किया है। तो याचिकाकर्ता पर पहले से ही धोखाधड़ी का टैग लगा हुआ है। वे आशंका जताते हैं कि हम CBI के पास जाएंगे, लेकिन SBI पहले ही CBI के पास जा चुका है। एजेंसी ने मेरे मुवक्किल (बैंक ऑफ बड़ौदा) को कुछ विवरण मांगने के लिए लिखा है। मुझे CBI को विवरण देने से नहीं रोका जा सकता है।"

    हालांकि, जस्टिस छागला ने बैंक के वकील को 4 सितंबर के आदेश के आधार पर मंगलवार तक कोई भी कार्रवाई न करने के लिए कहा।

    Next Story