"अपना घर ठीक करो: तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन की सदस्यता पर देरी से निर्णय लेने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने BCCI से कहा

Amir Ahmad

10 March 2025 8:40 AM

  • अपना घर ठीक करो: तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन की सदस्यता पर देरी से निर्णय लेने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने BCCI से कहा

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को अपना घर ठीक करने का आदेश दिया और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन (TCA) के केंद्रीय क्रिकेट निकाय के सहयोगी सदस्य बनने के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने के लिए उसके आदेश का पालन करे।

    जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस डॉ नीला गोखले की खंडपीठ इस बात पर नाराज़ थी कि BCCI ने जुलाई 2021 में स्पष्ट आदेश पारित करने के बावजूद HCA को TCA के सहयोगी सदस्य बनने के अनुरोध पर निर्णय लेने का निर्देश दिया, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।

    जजों ने BCCI का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से कहा,

    "हम इस सब में BCCI की भूमिका को नहीं समझते आपने जुलाई 2021 में एक आदेश पारित किया। आज हम मार्च 2025 में हैं, फिर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। आप यह सुनिश्चित क्यों नहीं कर सकते कि आपके आदेश का विधिवत पालन किया जाए?"

    HCA BCCI का पूर्णकालिक सदस्य है। प्रत्येक राज्य से केवल एक संघ ही पूर्णकालिक सदस्य हो सकता है, इसलिए BCCI ने HCA को TCA द्वारा एसोसिएट सदस्य बनने की याचिका पर निर्णय लेने का निर्देश दिया। यह उल्लेख करना अनुचित नहीं होगा कि HCA ने TCA के पूर्णकालिक सदस्य बनने की याचिका का विरोध किया।

    जजों ने वकील विवेक कांतवाला की दलीलों पर विचार किया, जिन्हें शने बाफना ने निर्देश दिया। दोनों ही TCA का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वकील ने अदालत को बताया कि HCA केवल निर्णय लेने से पीछे हट रहा है, जबकि उनके मुवक्किलों ने पूर्णकालिक सदस्यता नहीं बल्कि एसोसिएट सदस्यता मांगी है।

    वकीलों ने जजों को बताया कि HCA केवल हैदराबाद शहर और आस-पास के स्थानों से प्रतिभाओं की भर्ती कर रहा है, जबकि TCA तेलंगाना के 32 जिलों से सभी युवा प्रतिभाओं को अवसर दे रहा है।

    इसी बात पर विचार करते हुए जस्टिस मोहिते-डेरे ने टिप्पणी की,

    "विचार सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को लाने का है, है न? अगर यही स्थिति है तो हम प्रतिभा कैसे लाएंगे? आप यह सुनिश्चित क्यों नहीं करते कि HCA आपके निर्देशों का पालन करे हमें लगता है कि BCCI को अपना घर व्यवस्थित करने की जरूरत है। BCCI को कार्रवाई करनी चाहिए और वह सिर्फ मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकता।"

    सुनवाई के दौरान कांतवाला ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि HCA के सदस्यों के खिलाफ इसके फंड के गबन के लिए कई FIR दर्ज की गई। हालांकि, HCA ने दलीलों का जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा।

    BCCI का भी यही रुख था, जिसने कहा कि उसने पहले ही आदेश पारित कर दिया और अब HCA को फैसला लेने की जरूरत है।

    इस पर जजों ने कहा,

    "हम BCCI की भूमिका को भी नहीं समझते आपको केवल यह देखना है कि आपके आदेश का अनुपालन हो। लेकिन HCA ने एक भी प्रयास नहीं किया। आपको अपने आदेश के बारे में सचेत रहना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि इसे उसके तार्किक अंत तक ले जाया जाए। आप उन्हें टेबल पर बैठाकर विवाद को हल करवा सकते हैं।"

    खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च तक के लिए स्थगित की।

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