अपीलीय प्राधिकारी को अपील में उठाए गए आधारों पर विचार करना होगा और गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेना होगा, भले ही अपील एकपक्षीय रूप से सुनी गई हो: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने कहा कि अपीलीय प्राधिकारी का कर्तव्य और दायित्व है कि वह अपील के ज्ञापन में करदाता द्वारा उठाए गए आधारों की जांच करे और गुण-दोष के आधार पर मामले का निर्णय करे भले ही अपील एकपक्षीय रूप से दायर की गई हो।
चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने कहा कि अपीलीय प्राधिकारी को अपील पर एकपक्षीय रूप से विचार करते समय भी अपील के ज्ञापन में उठाए गए आधारों पर विचार करना होगा और गुण-दोष के आधार पर अपील का निर्णय करना होगा।
करदाता/याचिकाकर्ता ने अपीलीय प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी, जिसमें अपील को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि करदाता अवसर दिए जाने के बावजूद कोई भी सहायक दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहा।
खंडपीठ ने कहा कि अपीलीय प्राधिकारी को अपील पर एकपक्षीय विचार करते समय भी अपील के ज्ञापन में उठाए गए आधारों पर विचार करना होगा। अपील का गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेना होगा। ऐसा न करने पर वह अपनी शक्तियों का परित्याग कर रहा होगा। खासकर उन प्रावधानों को देखते हुए, जहां अपीलीय प्राधिकारी को अपील पर निर्णय लेने के लिए आवश्यक पाए जाने वाले आगे की जांच करने का अधिकार दिया गया, जिसका निर्णय भी उठाए गए बिंदुओं पर होगा।
उपर्युक्त के मद्देनज पीठ ने आदेश रद्द कर दिया और अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष करदाता की अपील को बहाल करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: सिल्वरलाइन बनाम बिहार राज्य