मेघालय हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: SC/ST स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म

Update: 2025-11-04 10:51 GMT

मेघालय हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के एक आदेश को दरकिनार करते हुए फैसला सुनाया कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के स्टूडेंट्स को पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप या अन्य वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड प्रस्तुत करने हेतु बाध्य नहीं किया जा सकता है।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि स्टूडेंट अपनी पहचान और निवास किसी अन्य प्रामाणिक दस्तावेज़ से साबित करते हैं तो उन्हें योजना का लाभ तुरंत प्रदान किया जाना चाहिए।

चीफ जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस डब्ल्यू डिंगदोह की खंडपीठ जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने 31 अक्टूबर, 2023 की राज्य अधिसूचना को चुनौती दी थी।

इस अधिसूचना में राज्य सरकार की स्कॉलरशिप योजनाओं का लाभ लेने के इच्छुक SC/ST स्टूडेंट के लिए आधार संख्या देना या आधार प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया।

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह स्पष्ट किया था कि मेघालय राज्य के निवासियों को आधार कार्ड की आवश्यकता से छूट प्राप्त है, इसलिए राज्य के नागरिकों के लिए आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य नहीं है।

इसके बावजूद शिक्षा विभाग के सचिव ने एक अधिसूचना जारी कर छात्रों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु आधार कार्ड लेना अनिवार्य कर दिया था।

याचिकाकर्ता ने इसे सुप्रीम कोर्ट के के.एस. पुट्टास्वामी मामले में दिए गए फैसलों का उल्लंघन बताया।

हाईकोर्ट ने पुट्टास्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसलों की पृष्ठभूमि में राज्य की अधिसूचना की जांच की। सुप्रीम कोर्ट ने उस समय स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि कोई नाबालिग बच्चा आधार संख्या प्रस्तुत करने में असमर्थ है तो उसे किसी भी योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता और उसकी पहचान किसी अन्य दस्तावेज़ के आधार पर सत्यापित की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित कानून को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि जो बच्चे अब इस योजना से लाभान्वित होने वाले हैं। वे पहले ही स्कूलों में दाखिला ले चुके हैं और अब उच्चतर माध्यमिक (कक्षा-XI और XII) की पढ़ाई कर रहे हैं। यदि स्टूडेंट्स ने दाखिले के समय अपनी प्रामाणिकता स्थापित करने के लिए आवश्यक विवरण पहले ही जमा कर दिए हैं और वे कुछ कारणों से आधार संख्या प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं तो उन्हें इस योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।

अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पोस्ट-मैट्रिक स्तर (18 वर्ष तक की आयु) के SC/ST स्टूडेंट को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए आधार कार्ड पर जोर न दें।

हालांकि, स्कॉलरशिप के लिए अपने दावे पर कार्रवाई के दौरान अधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर उम्मीदवार को जन्म प्रमाण पत्र और किसी भी अन्य विश्वसनीय प्रामाणिक दस्तावेज़ सहित अपनी पहचान साबित करनी होगी।


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