EVM से छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली Congress नेता की याचिका खारिज

Update: 2025-04-26 06:01 GMT
EVM से छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली Congress नेता की याचिका खारिज

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस (Congress) नेता प्रकाश मंगीलाल शर्मा द्वारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता एवं भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक भगवंदास साहबनानी के चुनाव को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका खारिज की। याचिका में EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था।

जस्टिस विशाल धागत ने अपने आदेश में कहा,

चुनावी याचिका जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951' की धारा 81 के तहत धारा 100(1) और 101 में दिए गए आधारों पर ही दाखिल की जा सकती है। धारा 83 के तहत भ्रष्ट आचरण (Corrupt Practices) के पूरे विवरण देना अनिवार्य है। यदि धारा 83 और 100 का पालन नहीं किया गया है, तो धारा 86 के तहत याचिका खारिज की जा सकती है।”

याचिकाकर्ता की दलीलें:

कांग्रेस नेता की ओर से दलील दी गई कि चुनाव के दौरान कुछ EVM मशीनों की बैटरी का चार्ज 99% और कुछ का 80% दिखा रहा था। पूरे दिन चलने के बाद यह संभव नहीं था। आरोप लगाया गया कि प्रत्याशी और राज्य मशीनरी की मिलीभगत से EVM मशीनों तक पहुंच बनाई गई और उन्हें चार्ज किया गया, जो कि एक भ्रष्ट आचरण है।

BJP प्रत्याशी की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने भ्रष्ट आचरण के सटीक तथ्यों और विवरणों का उल्लेख नहीं किया है केवल सामान्य आरोप लगाए गए हैं। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 83 का अनुपालन नहीं किया गया।

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि धारा 86 के तहत याचिका को केवल धारा 81, 82 और 117 के उल्लंघन पर ही खारिज किया जा सकता है और धारा 83 का उल्लंघन इसका आधार नहीं बन सकता।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यह नहीं बताया कि कौन व्यक्ति EVM तक पहुंच रखता था, राज्य मशीनरी की क्या भूमिका थी, EVM सील रहती है। यह बात भी याचिका में स्पष्ट नहीं थी। याचिका में जो बातें मौखिक रूप से दलीलों में कही गईं, वो याचिका के दस्तावेजों में कहीं नहीं लिखी गईं।

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि याचिका दाखिल करते समय ही पूरा विवरण देना आवश्यक है, जिसे बाद में नहीं जोड़ा जा सकता। इसलिए धारा 81, 83 और 100 का संयुक्त रूप से पालन जरूरी है। यदि इनका पालन नहीं किया गया, तो धारा 86 के तहत याचिका खारिज की जा सकती है।

कोर्ट ने पाया कि याचिका में आवश्यक विवरणों की कमी है और आरोप अस्पष्ट हैं। इसलिए याचिका को खारिज कर दिया गया।

केस टाइटल- पी.सी. शर्मा (प्रकाश मंगीलाल शर्मा) बनाम भगवंदास साहबनानी, चुनाव याचिका संख्या 15/2024

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