इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी मैनपॉवर कंसल्टेंट एजेंसियों और नकली रिक्रूटमेंट फर्मों की खतरनाक बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में देश भर में फर्जी मैनपॉवर कंसल्टेंट एजेंसियों और नकली रिक्रूटमेंट फर्मों की खतरनाक बढ़ोतरी पर गहरी चिंता व्यक्त की।
जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने ऐसी फर्जी एजेंसियों के तेजी से पनपने को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए कहा कि युवा ऐसे फर्जी रैकेटों के छिपे एजेंडे को जाने बिना, आकर्षक नौकरियों के प्रलोभनों का शिकार हो रहे हैं और अपने पारिवारिक संपत्तियों को बेचकर रकम चुका रहे हें या वित्तीय संस्थानों से ऊंची ब्याज दर पर लोन ले रहे हैं।
कोर्ट ने ये टिप्पणियां हिमांशु कनौजिया नामक आरोपी की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज करते हुए कीं, जिसे आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत बुक किया गया है। मामले में यह आरोप लगाया गया था कि आवेदक ने शिकायतकर्ता को नौकरी दिलाने का वादा करके अपने खाते में 1,60,000/- रुपये लिए और लगभग 4,00,000/- रुपये नकद लिए और बदले में उसे एक जाली नियुक्ति पत्र दिया।
एफआईआर की सामग्री के साथ-साथ आरोपी के खिलाफ लगे आरोपों पर ध्यान देते हुए, अदालत ने पाया कि आवेदक ने नौकरी प्रदान करने के आश्वासन पर, शिकायतकर्ता से पैसे लेकर धोखाधड़ी की थी और उसे एक जाली नियुक्ति पत्र दिया गया था। आवेदक के खिलाफ लगाए गए आईपीसी की धारा 406, 415, 417 और 420 की जांच करते हुए, अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्ति के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला बनता है।
अदालत ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता का विशिष्ट आरोप यह था कि आरोपी ने यह वादा करके उससे पैसे प्राप्त किए कि वह नौकरी देगा, बाद में उसने विश्वास का उल्लंघन किया और इस तरह, उसके साथ धोखाधड़ी और बेईमानी की, क्योंकि उसने न तो नौकरी दी और न ही पैसे लौटाए।
केस टाइटल-हिमांशु कनौजिया बनाम यूपी स्टेट | 2024 लाइव लॉ (एबी) 211
केस साइटेशन: 2024 लाइवलॉ (एबी) 211