चेक बाउंस (चेक का अनादर) आज के व्यापारिक युग में आम प्रचलन हो चुका है। समय-समय पर व्यापारियों को उधार माल देने पर या कोई अन्य व्यवहार करने पर चेक की आवश्यकता होती है। कभी इस प्रकार के चेक डिसऑनर हो जाते हैं उस चेक को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को भुगतान नहीं हो पाता है।
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत कोई चेक बाउंस होने पर चेक बाउंस का मुकदमा दायर किया जाता है परंतु इस प्रकार का मुकदमा दायर करने के पूर्व चेक देने वाले व्यक्ति को नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है।
लाइव लॉ रिपोर्टर चारू सिंह ने चेक बाउंस के बारे में इस वीडियो में विस्तार से बताया है।
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