जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा, आरबीआई ने नोटबंदी की सिफारिश करने में स्वतंत्र रूप से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया (वीडियो)

Update: 2023-01-02 13:29 GMT

सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपने असहमतिपूर्ण फैसले में कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित पूरे 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को रद्द करने की सिफारिश करने में स्वतंत्र रूप से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया।

जस्टिस नागरत्ना ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तुत निर्णय से संबंधित रिकॉर्ड का हवाला देते हुए यह राय बनाई।

जस्टिस नागरत्ना ने कहा,

"रिकॉर्ड (आरबीआई द्वारा प्रस्तुत) को देखने पर, मुझे वहां " केंद्र सरकार द्वारा वांछित" "सरकार ने 500 और 1000 नोटों की कानूनी निविदा को वापस लेने की सिफारिश की है", "सिफारिश प्राप्त की गई " इत्यादि शब्दों और वाक्यांशों का उपयोग मिलता है, जो स्वतः व्याख्यात्मक हैं। यह दर्शाता है कि (रिज़र्व) बैंक द्वारा स्वतंत्र रूप से विवेक का इस्तेमाल करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। न ही बैंक के पास इतने गंभीर मुद्दे पर अपना विवेक लगाने का समय था। यह अवलोकन इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है कि 500 रुपये और 1000 रुपये के बैंक नोटों की सभी सीरीज के डिमोनेटाइजेशन की पूरी क़वायद 24 घंटे में की गई।"

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