जानिए 'जीरो एफआईआर' किसे कहते हैं (वीडियो)

Update: 2023-01-17 10:07 GMT

Zero FIR

असल में, अपराध दो तरह के होते हैं, पहला संज्ञेय और दूसरा असंज्ञेय। असंज्ञेय में सीधे तौर पर एफआईआर दर्ज नहीं करके शिकायत को मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया जाता है।

जबकि संज्ञेय अपराध में एफआईआर दर्ज करना जरूरी है।

दरअसल, जब कोई व्यक्ति उसके विरुद्ध हुए संज्ञेय अपराध के बारे में घटनास्थल से बाहर के पुलिस थाने में एफआई दर्ज करवाए तो उसे जीरो एफआईआर उसे कहते हैं।

इसमें घटना की अपराध संख्या दर्ज नहीं की जाती।

कानून के तहत संज्ञेय अपराध होने की दशा में घटना की एफआईआर किसी भी जिले में दर्ज कराई जा सकती है।

चूंकि यह मुकदमा घटना वाले स्थान पर दर्ज नहीं होता, इसलिए तत्काल इसका नंबर नहीं दिया जाता, लेकिन जब उसे घटना वाले स्थान पर ट्रांसफर किया जाता है, तब अपराध संख्या दर्ज कर ली जाती है।

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