घरेलू हिंसा- इसके खिलाफ क्या उपाय हैं, शिकायत कैसे दर्ज कराएं? देखिए वीडियो

Update: 2021-09-16 06:55 GMT

घरों में होने वाली हिंसा को घरेलू हिंसा (Domestic Violence) कहते हैं। हमारे समाज में घरेलू हिंसा के मामले दिन- प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। दहेज प्रथा घरेलू हिंसा को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कारक है। शादी के बाद दहेज के नाम पर ससुराल वाले महिलाओं पर अत्याचार करते हैं। कभी-कभी यह अत्याचार इतना बढ़ जाता है कि महिला को आत्महत्या तक करनी पड़ जाती है।

घरेलू हिंसा के मामलों में पीड़ित के खिलाफ हमलावर द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शारीरिक शोषण, भावनात्मक शोषण, मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार या वंचितता, आर्थिक शोषण, गाली-गलौज, ताना मारना आदि शामिल हैं।

भारत में घरेलू हिंसा को रोकने के लिए साल 2005 में कानून बना। इसे घरेलू हिंसा अधिनियम,2005 कहा जाता है। इस कानून के मुताबिक घरेलू हिंसा अर्थात् कोई भी ऐसा कार्य जो किसी महिला एवं बच्चे (18 वर्ष से कम आयु के बालक एवं बालिका) के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन पर संकट, आर्थिक क्षति और ऐसी क्षति जो असहनीय हो तथा जिससे महिला व बच्चे को दुःख एवं अपमान सहन करना पड़े, इन सभी को घरेलू हिंसा के दायरे में शामिल किया जाता है।

ये हो गई घरेलू हिंसा के बारे में कुछ जानकरी। लेकिन सवाल उठता है कि घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज कैसे उठाएं? शिकायत कहां दर्ज कराएं? शिकायत दर्ज कराने की पूरी प्रक्रिया क्या है? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस वीडियो में (लाइव लॉ) मिल जाएंगे।

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