जीवनसाथी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना क्रूरता: दिल्ली हाईकोर्ट
घरेलू झगड़े के दौरान अपने जीवनसाथी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना क्रूरता की कैटेगरी में आएगा। हर व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी करते हुए फैमिली कोर्ट के तलाक के निर्णय को चुनौती देने वाली महिला की याचिका खारिज कर दी।
जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने कहा, अगर कोई कपल एक-दूसरे के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करता है तो यह क्रूरता है। किसी व्यक्ति से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह लगातार गाली-गलौज के साथ जीवन जीता रहे।
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