सुबोध गुप्ता मामला : इंस्टाग्राम पेज पर 'मी टू' पोस्ट का मामला आपसी सुलह से सुलझा

Update: 2020-02-14 03:15 GMT

आर्टिस्ट सुबोध गुप्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में इंस्टाग्राम पेज 'Herdsceneand' के ख़िलाफ़ मानहानि का के मामला दर्ज किया था, जिसमें उनके ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। अब कहा गया है कि इस मामले को संबंधित पक्षों ने सुलझा लिया है।

इंस्टाग्राम अकाउंट धारक ने सुबोध गुप्ता से संबंधित पोस्ट को हटा लेने का वादा किया है। मामले को सुलझा लेने की बात पर ग़ौर करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले पर फ़ैसला सुनाया।

सुबोध गुप्ता ने गत वर्ष 'Herdsceneand' के ख़िलाफ़ मामला दायर किया था जिसके कुछ पोस्ट में गुप्ता के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे। गुप्ता ने इन पोस्ट को हटाए जाने की मांग की थी और अपनी प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने के एवज़ में करोड़ों रुपए के हर्ज़ाने की मांग की थी।

इससे पहले अदालत ने इंस्टाग्राम अकाउंट धारक से कहा था कि जिन लोगों ने इस पोस्ट को शेयर किया था उन सभी को मामले में शामिल होने को कहे या ख़ुद को उन सभी लोगों की ओर से इस मामले में पक्षकार घोषित करे।

इस पूरी अवधि के दौरान अदालत ने अकाउंट चलाने वाले दोनों लोगों और इन पोस्टों को शेयर करनेवालों की पहचान ज़ाहिर नहीं की।

पिछली सुनवाई में यह भी कहा गया कि अगर उक्त व्यक्ति पक्षकार के रूप में मामले में शरीक होना चाहता है तो अदालत उनकी पहचान को गोपनीय बनाए रखेगी और उन्हें संपादित लिखित दस्तावेज़ पेश करने और बंद कमरे में सुनवाई की इजाज़त देगी।

पिछली सुनवाई में अदालत ने गूगल से सुबोध गुप्ता के ख़िलाफ़ इन आरोपों से संबंधित लगभग 18 न्यूज़ आर्टिकल को हटा लेने को कहा था। 14 अक्टूबर को गूगल ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक अर्ज़ी देकर इस आदेश में संशोधन की मांग की थी और कहा था कि इस तरह के आदेश का अभिव्यक्ति की आज़ादी पर विपरीत असर होगा और यह आम हित के ख़िलाफ़ होगा।

इस मामले में आम हितों के जुड़े होने को देखते हुए दो संगठनों – कल्चर वर्कर्स फ़ोरम और इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन ने भी अदालत में याचिका दायर कर इस मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग की थी। 

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