भारतीय नागरिक का पार्थिव शरीर रूस में लावारिस अवस्था में, राजस्थान हाईकोर्ट ने रूस सरकार को नोटिस जारी किया

Update: 2021-12-16 13:23 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को एक हितेंद्र कुमार गरासिया की पत्नी और बच्चों की याचिका पर रूसी दूतावास / रूस सरकार को नोटिस जारी किया। हितेंद्र कुमार गरासिया की रूस में किसी दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी और पिछले चार महीनों से उनका पार्थिव शरीर/अवशेष रूस में लावारिस पड़ा हुआ है।

न्यायमूर्ति दिनेश मेहता की खंडपीठ ने भारत सरकार की दलीलों को ध्यान में रखा कि उक्त हितेंद्र कुमार गरासिया (याचिकाकर्ता के पति / पिता) के नश्वर अवशेषों को भारत लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि अदालत को बताया गया कि रूस सरकार के अधिकारी एफएसएल रिपोर्ट लंबित शव को नहीं सौंप रहे हैं।

न्यायालय याचिकाकर्ताओं (आशा, उर्वशी और पीयूष कुमार) की याचिका पर विचार कर रहा है, जिन्होंने इस शिकायत के साथ इस न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है कि उनके पति / पिता स्वर्गीय हितेंद्र कुमार गरासिया पार्थिव शरीर/अवशेष पिछले चार महीने से रूस में लावारिस पड़े हैं, जिनका रूस में किसी दुर्घटना में निधन हो गया।

यह उनका निवेदन था कि वे दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है।

इसे देखते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि हितेंद्र कुमार का जुलाई 2021 में निधन हो गया है, इसलिए रूस सरकारसे इस संबंध में प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया जाना चाहिए।

यह देखते हुए कि यह अदालत प्रतिवादी संख्या 4 या रूस सरकार को एक रिट जारी करने में अपनी सीमाओं से बेखबर नहीं है, अदालत ने एक अभूतपूर्व स्थिति से निपटने और उठाए जाने वाले कदमों के समन्वय के लिए प्रतिवादी संख्या 4 को नोटिस जारी करना उचित समझा। नोटिस पर 20 दिसंबर, 2021 तक जवाब देने के लिए कहा गया है।

केस का शीर्षक - आशा और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य

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