पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से बिहार के एयरपोर्ट के विस्तार, विकास और भूमि अधिग्रहण के संबंध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा मांगा

Update: 2022-04-22 11:37 GMT

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य सरकार (Bihar Government) से बिहार के एयरपोर्ट के विस्तार, विकास और भूमि अधिग्रहण के संबंध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है।

चीफ जस्टिस संजय करोल (Justice Sanjay Karol) और जस्टिस एस कुमार (Justice S Kumar) की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह एंड अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को यह निर्देश दिया।

इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी राज्य में एयरपोर्ट के लिए किए जा रहे सर्वे का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

याचिका में जिन एयरपोर्ट्स के विकास एंव निर्माण का जिक्र किया गया है, उनमें जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट शामिल हैं।

याचिकाकर्ता ने उपरोक्त सभी हवाई अड्डों को चालू करने की प्रार्थना की है। साथ ही यह निर्देश देने की मांग की है कि रनवे और अन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ उनकी क्षमता को बढ़ाया जाए।

याचिका में कहा गया है कि पटना हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 1216.9 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे, लेकिन परियोजना में इस राशि का केवल 32% ही उपयोग किया जा सका है। यह परियोजना लगभग साल 2023 तक पूरी होगी यानी कि परियोजना में काफी देरी होगी।

पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत किया गया था कि गया एयरपोर्ट की भी स्थिति ठीक नहीं है। यह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है। जहां से मुख्यतः बौद्ध देशों के लिये फ्लाइट चलायी जाती है। राज्य के अन्य एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं का अभाव उसकी सुरक्षा की भी समस्या हैं। इन समस्याओं का प्रमुख कारण जमीन अधिग्रहण की कमी है।

कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था कि वर्तमान में बिहार में 8 हवाई अड्डे हैं, जिनमें से 3 हवाई अड्डे (गया, पटना और दरभंगा) चालू हैं और बाकी सभी बंद हैं।

पिछली सुनवाई में जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के निदेशक ने कोर्ट में उपस्थित हो कर पटना और राज्य के अन्य एयरपोर्ट की स्थिति के सम्बन्ध में ब्यौरा प्रस्तुत किया था।

निदेशक ने कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था कि हवाई जहाज लैंडिंग की काफी समस्या है। सामान्य रूप से रनवे की लम्बाई नौ हज़ार फीट होती हैं, जो कि पूर्णिया व दरभंगा में उपलब्ध है,जबकि पटना में रनवे की लम्बाई 68 सौ फीट हैं। इसके साथ ही एक ओर रेलवे लाइन है और दूसरी ओर सचिवालय है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट सुमित कुमार सिंह को यह बताने के लिए कहा कि बिहार के पड़ोसी राज्य जैसे झारखंड,बंगाल,उत्तर प्रदेश और ओडिशा में कितने एयरपोर्ट हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के एडवोकेट जनरल से कहा था कि गया एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए आवंटित 268 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करा दें।सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद उसका निबटारा होगा।

एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इसके लिए राज्य सरकार से निर्देश की आवश्यकता होती है।

कोर्ट ने कहा कि वास्तव में, ये याचिकाएं प्रतिकूल प्रकृति की नहीं हैं; इसलिए सकारात्मक रूप से कार्रवाई और दृष्टिकोण, केंद्र और राज्य दोनों के राज्य के पदाधिकारियों द्वारा अपनाया गया, सकारात्मक रूप से बिहार के लोगों के जीवन पर दूरगामी परिणाम होगा। इसका परिणाम बिहार के समग्र विकास और आर्थिक विकास में भी होता है। हमने बार-बार जोर दिया है।

कोर्ट ने आगे देखा कि प्रथम दृष्टया हमारा यह सुविचारित विचार है कि जिन मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है वे महत्वपूर्ण हैं और पूरी तरह से जनहित में हैं। इसलिए, राज्य के सभी पदाधिकारियों द्वारा एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाकर एक प्रयास किया जाना आवश्यक है और यह सब उच्चतम स्तर पर किया जाना आवश्यक है।

मामले को अगली सुनवाई के लिए 10 मई, 2022 के लिए पोस्ट किया गया है।

याचिकाकर्ता की ओर एडवोकेट सुमीत कुमार सिंह पेश हुए थे और राज्य की ओर से एजी ललित किशोर पेश हुए।

केस का शीर्षक: गौरव सिंह एंड अन्य बनाम भारत संघ

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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