ट्रेडमार्क के रूप में भगवान के नाम का पंजीकरण नहीं हो सकता, इस बारे में कोई सटीक सिद्धांत नहीं : कलकत्ता हाईकोर्ट

Update: 2020-01-02 06:45 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है इस बारे में कोई सटीक सिद्धांत नहीं है कि भगवान के नाम का ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकरण नहीं हो सकता।

न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी और न्यायमूर्ति मोहम्मद निज़ामुद्दीन ने श्याम शीतल इण्डस्ट्रीज लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा। श्याम शीतल इण्डस्ट्रीज 'श्याम' ट्रेडमार्क का पंजीकरण करा रखा है। इस मामले में श्याम शीतल इण्डस्ट्रीज ने श्याम सेल और पावर लिमिटेड पर ट्रेडमार्क के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

अदालत ने बचाव पक्ष की इस दलील की कि 'श्याम' भगवान कृष्ण का दूसरा नाम है और इसलिए इस नाम पर कोई भी विशिष्ट अधिकार का दावा नहीं कर सकता, कहा -

"मेरी राय में ऐसा कोई अथॉरिटी नहीं है या कम से कम हम लोगों को ऐसा कोई अथॉरिटी नहीं दिखाया गया है कि भगवान के नाम का ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकरण नहीं हो सकता।"

अदालत ने कहा कि लाल बाबू प्रियदर्शी बनाम अमृतपाल सिंह AIR 2016 SC 461 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि पवित्र और धार्मिक पुस्तकों जैसे क़ुरान, बाइबल, गुरूग्रंथ साहिब, रामायण आदि ट्रेडमार्क नहीं हो सकते।

अदालत ने कहा,

" यह अदालत किसी सटीक सिद्धांत के रूप में यह नहीं कह सकती कि 'श्याम' शब्द का पंजीकरण अमान्य था और इसका पंजीकरण रद्द कर देना चाहिए। प्रतिवादी को बोर्ड के समक्ष ज़रूरी साक्ष्य के साथ यह साबित करना होगा कि 'श्याम' सिर्फ़ भगवान का नाम है और यह अपीलकर्ता का विशिष्ट नाम नहीं है और यह आम और सामान्य नाम है। इसलिए, इसका पंजीकरण ग़लत है। प्रतिवादी प्रथम दृष्ट्या भी इसे साबित नहीं कर पाया है"।  इसलिए अदालत ने कहा कि वादी 'श्याम' ट्रेड्मार्क का पंजीकृत मालिक है। 




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