गुजरात हाईकोर्ट के जज जस्टिस हेमंत प्रच्छक की बेंच राहुल गांधी की मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने की याचिका पर शनिवार को सुनवाई करेगी

Update: 2023-04-28 06:56 GMT

गुजरात हाईकोर्ट के जज जस्टिस हेमंत एम. प्रच्छक 29 अप्रैल को अप्रैल 2019 में कोलार में राजनीतिक अभियान में अपनी टिप्पणी के लिए अयोग्य ठहराए गए सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेंगे। राहुल गांधी ने मानहानि के मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है।

गांधी ने मानहानि के मामले में 25 अप्रैल को अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस गीता गोपी ने 26 अप्रैल को सूरत सत्र न्यायालय के 20 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली गांधी द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।

गौरतलब है कि 23 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें लोकसभा के सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया और उन्हें 30 दिनों के भीतर अपनी सजा के खिलाफ अपील दायर करने में सक्षम बनाने के लिए जमानत भी दी गई थी।

इसके बाद गांधी ने अपनी सजा के आदेश को चुनौती देते हुए 3 अप्रैल को सूरत सत्र न्यायालय का रुख किया। उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए एक अर्जी भी दाखिल की। हालांकि गांधी को 3 अप्रैल को अदालत द्वारा जमानत (उनकी अपील के निस्तारण तक) दी गई, लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के उनके आवेदन को 20 अप्रैल को खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि संसद सदस्य और दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते गांधी को अपने शब्दों के प्रति अधिक सावधान रहना चाहिए था, जिसका लोगों के दिमाग पर बड़ा प्रभाव पड़ता।

सूरत की सेशन कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार किया, कहा- उन्हें शब्दों के चयन में अधिक सावधान रहना चाहिए था

संक्षेप में मामला

भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत उनकी कथित टिप्पणी के लिए शिकायत दर्ज की थी जिसमें कहा गया था कि उन्होंने कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए 'मोदी' सरनेम वाले सभी लोगों को बदनाम किया है। उपायुक्त और जिला चुनाव अधिकारी, कोलार जिले के कार्यालय द्वारा विधिवत अधिसूचित वीडियो निगरानी टीम और वीडियो देखने वाली टीम द्वारा टिप्पणियों की वीडियोग्राफी की गई थी। गुजरात हाईकोर्ट ने इस साल फरवरी में आपराधिक मानहानि मामले में मुकदमे पर रोक हटा दी थी। अदालत ने जब फैसला सुनाया तब गांधी राहुल गांधी अदालत में मौजूद रहे। इससे पहले भी वह तीन बार कोर्ट के सामने पेश हुए थे। गांधी ने कहा कि जब उन्होंने प्रश्नगत बयान दिया तो उनकी ओर से कोई दुर्भावना नहीं थी।

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