वेव सिटी और हाई टेक सिटी को पर्यावरण अनुमति : एनजीटी ने केंद्रीय भूमिगत जल प्राधिकरण के सीईओ को भेजा नोटिस

Update: 2020-01-23 02:58 GMT

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्रीय भूमिगत जल प्राधिकरण के सीईओ को नोटिस भेजकर उसे 27 मार्च 2020 को इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद होने और यह बताने को कहा है कि सीजीडब्ल्यूबी ने जिन बातों की अनुपालन की बात कही है उसमें ख़ामियाँ क्यों हैं और यह सुनिश्चित करने को कहा है इस तरह के उल्लंघनों पर नज़र रखने के लिए उचित विनियमन होना चाहिए।

अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने महकार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि वेव सिटी, ग़ाज़ियाबाद और हाई टेक सिटी, नोएडा में रियल एस्टेट डिवेलपर्ज़ ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से पेड़ों को काट रहे हैं और भूमिगत जल का प्रयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, 

"चूँकि इस तरह की बातें कई मामलों में हो रही हैं, यह ज़रूरी है कि सीजीडब्ल्यूए के सीईओ को यह सुनिश्चित करना है कि इसकी प्रभावी निगरानी की जा रही है ताकि इस तरह के उल्लंघन नहीं हों क्योंकि इसके बिना सीजीडब्ल्यूए को विनियमन का जो ज़िम्मा सौंपा गया है उसका कोई अर्थ नहीं है।" 

अधिकरण ने अथॉरिटी से इस बारे में एक रिपोर्ट पेश करने को कहा था जिसने कहा कि परस्तावक को यद्यपि भूमिगत जल के प्रयोग की अनुमति दी गई थी पर उसने इस एनओसी की शर्तों का पालन नहीं किया है। हालाँकि, सुनवाई के दौरान अधिकरण को कहा गया कि राज्य पीसीबी अब कुछ शर्तों के आधार पर एसटीपी के आवेदन पर अपनी अनुमति दे सकता है।

अधिकरण ने कहा :

"यद्यपि सीजीडब्ल्यूए ने ज़मीनी जल के प्रयोग पर जो शर्तें लगाई हैं उसके उल्लंघन होने की बात का पता चलने के बाद भी सीजीडब्ल्यूए किसी तरह का ज़रूरी कार्रवाई करने में विफल रहा है।"

अधिकरण ने कहा कि विभागों ने जो रिपोर्ट पेश की है उस पर ग़ौर किया जा सकता है और इसकी निगरानी राज्य पीसीबी की है और वह अगली सुनवाई तक इस बारे में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करेगा

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