'आई लव केजरीवाल'के कारण ऑटो-रिक्शा के चालान का मामला, दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस

Update: 2020-01-29 04:51 GMT

ऑटो-रिक्शा के पीछे 'आई लव केजरीवाल' लिखे जाने पर हुए चालान के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नवीन चावला की एकल पीठ ने सरकार को नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ता का मानना है कि यह चालान संंविधान केअनुच्छेद 14 और 21 के तहत न केवल उनके मौलिक अधिकार का हनन करता है, बल्कि यह उसके बोलने की आज़ादी में ग़ैरक़ानूनी दख़ल देता है।

इस मामले में याचिकाकर्ता एक ऑटो-रिक्शा ड्राइवर है जिसने अपने ऑटो के पीछे 'आई लव केजरीवाल'(मैं केजरीवाल को पसंद करता हूं) सितम्बर 2019 से अपने मन से लिखवा रखा है और इसके लिए उसने कोई मौद्रिक लाभ नहीं लिया है। दिल्ली विधानसभा चुनावों को देखते हुए आदर्श चुनाव संहिता 14 जनवरी 2020 से लागू है।

15 जनवरी को याचिकाकर्ता अपने ऑटो को ले जा रहा था जब उसे ट्रैफ़िक पुलिसवालों ने रोका और उसे मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66(1) के तहत ₹10,000 का चालान जारी कर दिया।

ऑटो रिक्शा के पीछे "आई लव केजरीवाल" लिखे होने के कारण यह चालान किया गया और यह कहा गया कि जब आदर्श चुनावी संहिता लागू है तब यह 'राजनीतिक विज्ञापन'बन जाता है।

याचिकाकर्ता ने ट्रैफ़िक पुलिस को बताया था कि यह लाइन उसने ख़ुद ही लिखवाई है और इसके लिए उसने आम आदमी पार्टी से कोई पैसा नहीं लिया है। उसने यह भी कहा कि राजनीतिक विज्ञापनों के लिए इसका उसने प्रयोग नहीं किया है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि यह चालान राजनीतिक विद्वेष के चलते जारी किया गया है और इसका कोई औचित्य नहीं है।

यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66(1) का उल्लंघन नहीं किया है क्योंकि इस नारे के बदले उसने किसी भी तरह का धन नहीं प्राप्त किया है।

उसने याग भी कहा है कि अपने वाहन पर इस तरह का नारा लिखने से कोई दुरुपयोग, कोई अनुचित कार्य, जनता को अनावश्यक परेशानी या स्वतंत्र चुनाव की प्रक्रिया में बाधा नहीं पहुंचाई गई है। 




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