केंद्र ने विदेशी योगदान के रूप में प्राप्त फंड को विनियमित करने के लिए अधिनियम अधिसूचित किया
केंद्र सरकार ने सोमवार को व्यक्तियों, संघों और कंपनियों द्वारा विदेशी योगदान की स्वीकृति और उपयोग को विनियमित करने के लिए विदेशी योगदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2020 (Foreign Contribution (Regulation) Amendment Act, 2020) को अधिसूचित किया।
यह राष्ट्रीय योगदान के लिए हानिकारक किसी भी गतिविधियों के लिए विदेशी योगदान या विदेशी आतिथ्य की स्वीकृति और उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 में संशोधन करता है।
अधिनियम लोक सेवकों को किसी भी विदेशी योगदान को स्वीकार करने से रोकता है। यह चुनावी उम्मीदवारों, एक अखबार के संपादक या प्रकाशक, न्यायाधीशों, सरकारी कर्मचारियों, किसी विधायिका के सदस्यों और राजनीतिक दलों के सदस्यों के अलावा अन्य लोगों के लिए नियमों का उल्लेख करता है।
इसके अलावा, यह किसी भी अन्य व्यक्ति को विदेशी योगदान के हस्तांतरण पर रोक लगाता है, जो एक व्यक्ति, संघ या पंजीकृत कंपनी है।
अधिनियम यह भी कहता है कि कोई भी व्यक्ति जो सरकारी स्वीकृति चाहता है (विदेशी योगदान स्वीकार करने के लिए अनिवार्य) को पहचान पत्र के रूप में अपने सभी पदाधिकारियों, निदेशकों या प्रमुख पदाधिकारियों के आधार नंबर देने होंगे। किसी विदेशी के मामले में उन्हें पासपोर्ट या ओसीआई कार्ड की एक प्रति प्रदान करनी होगी।
इसमें प्रशासनिक खर्चों के लिए धन के उपयोग की सीमा को 50% से घटाकर 20% कर दी गई है।
इस अधिनियम को संसद ने 22 सितंबर, 2020 को मंजूरी दे दी थी। खास ये है की इस बिल को राज्यसभा में निर्विरोध पारित कर दिया गया था, क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने किसान विधेयकों को पारित करने के विरोध में वॉक आउट किया था।