UP और उतराखंड में जहरीली शराब से हुई मौतों पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका
उत्तर प्रदेश और उतराखंड में जहरीली शराब से हुई मौतों पर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT या सीबीआई से कराने का अनुरोध किया गया है।
वकील हरीनाथ राम द्वारा दाखिल इस याचिका में आबकारी नीति के तहत केंद्र और राज्य को शराब के सेवन/उत्पादन/वितरण आदि पर कड़े नियम और गाइडलाइन बनाने के निर्देश जारी करने की गुहार भी लगाई गई है।
याचिका में कहा गया है कि दोनों राज्यों में हुई 152 लोगों की मौत का मामला दुर्भाग्यपूर्ण है। जहरीली शराब पीने की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं और इनमें लोगों की मौतों की घटनाएं लगातार हो रही हैं लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें इस पर मूक दर्शक बनी हुई हैं। प्रशासन की नाक के नीचे अवैध शराब हर राज्य में बेची जा रही है लेकिन उसे काबू करने के लिए उनके द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
जनहित याचिका में सवाल उठाया गया है कि अब राज्य सरकार जहरीली शराब से मौत होने पर पीड़ितों को 2 लाख रुपये का मुआवजा दे रही है जो किसी भी सूरत में पीड़ितों के घावों की भरपाई नहीं कर सकते। साथ ही कहा गया कि इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय नहीं है। इसमें अदालत से शराब को लेकर गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश देने के साथ- साथ उन गाइडलाइन को सही तरीके से लागू कराने के लिए नोडल एजेंसी के गठन का अनुरोध भी किया गया है।