सुप्रीम कोर्ट में पहली बार AI का इस्तेमाल कर सुनवाई की लाइव ट्रांसक्रिप्शन की प्रक्रिया शुरू हुई

Update: 2023-02-21 06:12 GMT

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर सुनवाई की लाइव ट्रांसक्रिप्शन की प्रक्रिया शुरू हुई।

लाइव ट्रांसक्रिप्शन सर्विस को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अदालत में टेस्टिंग के आधार पर शुरू किया गया है, जो महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित एक मामले की संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं।

अदालती कार्यवाही के लाइव ट्रांसक्रिप्शन को दिखाने वाली डिस्प्ले स्क्रीन को कोर्ट रूम 1 में रखा गया है, जो वकीलों के सामने है।

सुप्रीम कोर्ट भी अपनी वेबसाइट पर मौखिक तर्कों के ट्रांसक्रिप्शन प्रकाशित करने का इरादा रखता है। टेरेस, एक कंपनी जो मध्यस्थता व्यवसायियों को यह सुविधा प्रदान करती रही है, ट्रांसक्रिप्शन सर्विस प्रदान कर रही है।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,

"क्या आप स्क्रीन देखते हैं? हम केवल लाइव ट्रांसक्रिप्ट की संभावनाओं का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। तब हमारे पास तर्कों का एक स्थायी रिकॉर्ड होगा। भविष्य में कानून के छात्र भी इसका लाभ उठा सकेंगे। अब एकमात्र मुद्दा ये है कि अगर दो या दो से अधिक लोग बात करते हैं, तो ये कैसे दिखाया जाए। इसको देखेंगे और इस समस्या का समाधान निकालेंगे।“

सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने अपनी याचिका के माध्यम से पहले सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही के टेप का सुझाव दिया था।

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने सीनियर एडवोकेट जयसिंह को आश्वासन दिया था कि अदालत प्रशासनिक पक्ष में निम्नलिखित बातों पर विचार करेगी-

1. लाइव स्ट्रीमिंग के लिंक वाद सूची में उपलब्ध हो सकते हैं।

2. संविधान पीठ के लाइव स्ट्रीमिंग के अलावा राष्ट्रीय महत्व के मामलों को लाइव स्ट्रीम करने का प्रावधान किया जा सकता है।

3. अदालती कार्यवाही तक पहुंच के लिए ऑडियो ट्रांसक्रिप्ट की अनुमति दी जा सकती है।


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