बिहार में जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 20 जनवरी को करेगा सुनवाई

Update: 2023-01-11 09:56 GMT

Supreme Court

बिहार में जातिगत जनगणना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है।

भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने तत्काल पोस्टिंग के लिए मामले का उल्लेख करने के बाद याचिका को अगले शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।

CJI ने कहा,

"मामले को अगले शुक्रवार यानी 20 जनवरी को आने दें।"

नालंदा निवासी अखिलेश कुमार की ओर से याचिका दायर की गई है। याचिका में राज्य सरकार की अधिसूचना को इस आधार पर रद्द करने की मांग की गई है कि जनगणना का विषय संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची 1 में आता है और केवल केंद्र के पास जनगणना करने की शक्ति है।

आगे तर्क दिया गया है कि जनगणना अधिनियम 1948 जाति आधारित जनगणना पर विचार नहीं करता है।

याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार की अधिसूचना को "संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन" बताते हुए चुनौती दी है।

बिहार सरकार ने इस साल 7 जनवरी को जाति सर्वे शुरू किया था। पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के सर्वे में मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से प्रत्येक परिवार का डाटा डिजिटल रूप से संकलित करने की योजना है।

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